भोपाल । मप्र हाई कोर्ट के पूर्व आदेश की नाफरमानी के मामले में संबंधितों को अवमानना नोटिस जारी किया गया है। यह मामला बीते दिनों आई कोरोना महामारी के दौरान कोविड योद्धा योजना का लाभ न देने का है। इसके लिए मुख्य कार्यपालन अधिकारी, सीइओ को तीन सप्ताह का समय दिया गया है। न्यायमूर्ति नंदिता दुबे की एकलपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई।
याचिकाकर्ता के वकीलों ने दलील दी कि याचिकाकर्ता के पति कोविड की वजह से इस दुनिया में नहीं रहे। इसके बावजूद कोविड योद्धा योजना का लाभ देने की दिशा में गंभीरता नहीं बरती गई।लिहाजा, पूर्व में हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई थी। जिसका इस निर्देश के साथ निराकरण कर दिया गया था कि कोरोना से मृत पंचायत कर्मी की पत्नी को कोविड योद्धा योजना का लाभ दिए जाने पर 30 दिन में निर्णय किया जाए। इसके बावजूद सीइओ ने इस दिशा में ध्यान नहीं दिया।
इसीलिए अवमानना याचिका दायर करनी पड़ी। प्रदेश सरकार ने पंचायत कर्मियों को कोरोना वारियर घोषित किया था। पंचायत कर्मियों की कोरोना से मृत्यु होने मुख्यमंत्री कोविड योद्धा योजना के तहत 50 लाख रुपये दिए जाने का प्रविधान किया गया था। अवमानना याचिकाकर्ता के पति सुरेश श्रीवास्तव ग्राम पंचायत विरहा में पंचायत सचिव के पद पर कार्यरत थे। उनके पति की 26 सितंबर, 2020 को कोरोना से मृत्यु हो गई।
उन्होंने कोविड योद्धा के अंतर्गत लाभ दिए जाने का आवेदन दिया, लेकिन उनके आवेदन को यह कहते हुए नामंजूर कर दिया गया कि मृतक का आरटीपीसीआर टेस्ट नहीं हुआ था। मृतक कर्मी के सीटी स्कैन में चेस्ट स्कोर 17 आया था। इसके साथ ही मेडिकल रिपोर्ट में मृत्यु का कारण कोविड निमोनिया लिखा गया है। इसके बाद भी याचिकाकर्ता को कोविड योद्धा योजना का लाभ नहीं दिया जा रहा है। इस दौरान अवमानना याचिकाकर्ता रामपुर बघेलान, सतना निवासी शीला श्रीवास्तव की ओर से अधिवक्ता संजय वर्मा, श्रद्धा तिवारी व दीप्ति श्रीवास्तव ने पक्ष रखा।