कोरबा कोरबा जिला नगर निगम के द्वारा लीज किराये पर दी गई दुकानों के संचालकों द्वारा किराये की बकाया राशि निगम कोष में जमा न कराए जाने के परिणाम स्वरूप निगम ने कार्यवाही करते हुए विभिन्न स्थानों की 09 दुकानों पर ताला लगा दिया तथा संबंधितों को हिदायत दी कि वे शीघ्र ही बकाया राशि निगम कोष में जमा कराएं, तत्पश्चात ही दुकानों का ताला खोला जाएगा।
नगर पालिक निगम कोरबा द्वारा निगम क्षेत्र के विभिन्न स्थानों में निर्मित दुकानों, भवनों आदि को लीज किराये पर आबंटित किया गया है। इन दुकान संचालकों द्वारा बरसों से किराये की राशि निगम कोष में जमा नहीं कराई जा रही थी, निगम द्वारा बार-बार नोटिस दिए जाने के बावजूद उनके द्वारा बकाया राशि की अदायगी नहीं की गई तथा एक बड़ी राशि दुकान किराये के रूप में निगम को प्राप्त करनी हैं। आयुक्त श्री प्रभाकर पाण्डेय ने विगत दिनों निगम के राजस्व अमले की बैठक लेकर राजस्व वसूली की कार्यप्रगति की समीक्षा की थी तथा विभिन्न करों व दुकानों, भवनों के किराया की बकाया राशि की वसूली जल्द से जल्द किए जाने के निर्देश राजस्व अधिकारियों को दिए थे तथा इस हेतु समुचित कार्यवाही करने को कहा था।
आज दुकान किराया के ऐेसे बकायादारों जिन्होने काफी समय से किराये की राशि जमा नहीं की है, उन पर कार्यवाही करते हुए उनकी दुकानों पर ताला लगाया गया तथा उन्हें हिदायत दी गई कि वे शीघ्र बकाया राशि को जमा करें, तत्पश्चात ही दुकान का ताला खोला जाएगा। निगम के राजस्व अधिकारी अशोक बनाफर ने बताया कि दुकान किराया के जिन बकायादारों की दुकानों पर ताला लगाया गया है, उनमें 03 दुकानें कादम्बरी काम्पलेक्स एवं 06 दुकानें तहसील कार्यालय के समीप स्थित है। उन्होने बताया कि निगम द्वारा यह कार्यवाही आगे भी निरंतर जारी रहेगी।
*बकाया राशि जमा करें, असुविधा से बचें
आयुक्त प्रभाकर पाण्डेय ने निगम के करदाताओं एवं दुकान भवन किराया के बकायादारों से अपील करते हुए कहा है कि वे बकाया कर एवं निगम को देय भवन, दुकान किराया की राशि समय पर निगम कोष जमा कराएं। उन्होने कहा है कि करों से प्राप्त राशि के माध्यम से ही निगम द्वारा विभिन्न मूलभूत सुविधाएं मुहैया कराई जाती है तथा नगर विकास के कार्य किए जाते हैं, निगम को समय पर करों का भुगतान न मिलने से नागरिक सुविधाएं व नगर विकास के कार्य प्रभावित होते हैं, अतः समय पर करों एवं देयकों का भुगतान निगम कोष में करें तथा नगर विकास में अपना सहयोग दें। उन्होने कहा है कि निगम द्वारा राजस्व वसूली के संबंध में आगे भी निरंतर कार्यवाही की जाएगी, अतः कार्यवाही से होने वाली असुविधा से बचने हेतु बकाया कर एवं देयकों का भुगतान समय पर करें।
*किराये के रूप में 02 लाख 55 हजार रू. की वसूली
दुकान किराया बकायादारों पर निगम द्वारा की गई कार्यवाही से बचने हेतु अनेक बकायादारों ने मौके पर ही बकाया राशि का भुगतान भी निगम अमले को किया। राजस्व अधिकारी अशोक बनाफर ने बताया कि दुकान किराये की बकाया राशि के रूप में 02 लाख 55 हजार रूपये बकायादारों द्वारा निगम कोष में जमा कराया गया।