जब पश्चिम एशिया ईरान पर संभावित इजरायली हमले के समय को लेकर चर्चा कर रहा था, उसी समय हमास के सैन्य प्रमुख याह्या सिनवार की हत्या कर दी गई। यह कुछ लोगों के लिए आश्चर्य की बात थी। लेकिन, हमास और हिजबुल्लाह के लगभग सभी नेताओं की एक-एक करके हत्याओं के बाद, कई लोगों को यह भी उम्मीद थी कि हफ्तेभर पहले मारे गए इस्माइल हानिया के बाद हमास में दूसरे सबसे शक्तिशाली व्यक्ति सिनवार को भी खत्म कर दिया जाएगा। बेशक इस बात की संभावना है कि सिनवार की मौत संयोग से हुई हो। हालांकि इजरायल सिनवार की हत्या को एक बड़ी सैन्य सफलता के रूप में पेश कर रहा है। वहीं कुछ इजरायली सूत्रों का कहना है कि उसकी मौत एक सुनियोजित हत्या नहीं थी, बल्कि जमीन पर सैन्य यूनिट्स के बीच एक आकस्मिक मुठभेड़ का परिणाम थी।अमेरिका-इजरायल Vs हमास-ईरान
इजरायल के पीएम नेतन्याहू ने सिनवार की हत्या को एक नए फेज के रूप में बताया, जिसके बाद गाजा पर हमास का वर्चस्व समाप्त हो जाएगा। नेतन्याहू ने कहा, 'सिनवार की मौत के साथ, हमने बुरी ताकतों को झटका दिया है, लेकिन हमारा मिशन अभी पूरा नहीं हुआ है।' इजरायल के विदेश मंत्री कैट्ज ने हत्या की तारीख को 7 अक्टूबर के हमास हमले की पहली वर्षगांठ से जोड़ा। उन्होंने कहा कि 'सिनवार, जिसने 7 अक्टूबर के नरसंहार में अहम भूमिका निभाई थी, उसको एक साल बाद इजरायली सैन्य बलों ने मार गिराया।' इस हत्या पर अमेरिका के राष्ट्रपति बाइडेन ने भी टिप्पणी की। उन्होंने कहा, 'यह अमेरिका और इजरायल के लिए एक अच्छा दिन है, इजरायल के लिए राहत का क्षण है।' उपराष्ट्रपति कमला हैरिस ने कहा कि 'न्याय हुआ है।'
हमास के भीतर, सिनवार की मृत्यु पर दुख व्यक्त किया गया। हमास समर्थक किए गए पोस्ट में कहा गया कि 'सिनवार अच्छी तरह से जानता था कि वह बिस्तर पर नैचुरल मौत नहीं मरेगा। वह अपने हथियार के साथ लड़ते हुए मर गया, जैसा कि वो करना चाहता था। इस बीच, ईरान की सेना ने अपने @IRIran_Military हैंडल से X पर पोस्ट किया। सिनवार को लेकर ये पोस्ट किया गया। इसमें कहा गयाकि 'कमांडर याह्या सिनवार: मैंने इमाम अली के इस वाक्य को अच्छी तरह से याद कर लिया है, जिसमें कहा गया है कि किसी व्यक्ति के जीवन में दो दिन होते हैं। एक दिन जब मौत आपकी नियति नहीं होती है, और एक दिन जब मौत आपकी नियति होती है। पहले दिन, कोई भी आपको नुकसान नहीं पहुंचा सकता है, और दूसरे दिन, कोई भी आपको बचा नहीं सकता है।'
सिनवार के बाद
सिनवार, जिसका 'कोडनेम' अबू इब्राहिम था। उसे इजरायल ने दक्षिणी गाजा के खान यूनिस शरणार्थी शिविर में उसके जन्मस्थान के बाद 'खान यूनिस का कसाई' कहा था। हमास के राजनीतिक प्रमुख इस्माइल हनीयेह की तेहरान में हत्या के बमुश्किल 10 हफ्ते बाद मारा गया। हमास की सैन्य शाखा का संस्थापक, 62 वर्षीय सिनवार करीब 22 साल इजरायली जेलों में रहा। वह 2011 में एक अपहृत इजरायली सैनिक के बदले कैदी की अदला-बदली में 1,026 फिलिस्तीनियों के साथ रिहा हुआ। इजरायल के साथ कथित तौर पर सहयोग करने वाले फिलिस्तीनियों को कठोर सजा देने के लिए पहचाना जाने वाला सिनवार 2017 में गाजा में हमास का नेता चुना गया था। वो 'वास्तविक शासक' था और हनीयेह के बाद हमास में दूसरा सबसे शक्तिशाली व्यक्ति था।सिनवार की मौत निस्संदेह हमास को कमजोर करेगी, और संगठन चलाने क्षमता भी प्रभावित हो सकती है। लेकिन कोई भी यह उम्मीद नहीं करता कि हमास की सैन्य गतिविधियां पूरी तरह से बंद हो जाएंगी। ऐसा कहा जाता है कि सिनवार की मौत ने एक शून्य पैदा कर दिया है, जो न केवल हमास की आंतरिक संरचना को प्रभावित कर रहा है, बल्कि पश्चिम एशिया में इजरायल विरोधी आंदोलनों के भविष्य को भी प्रभावित कर रहा है। क्षेत्रीय गठबंधनों का पुनर्गठन और इजरायल-फिलिस्तीनी संघर्ष की रफ्तार को फिर से आकार देने की उम्मीद की जा सकती है।राजनीति का समय
सिनवार की जगह लेने के लिए संगठन के भीतर खोज ने हमास की राजनीतिक शाखा की भूमिका पर जोर दिया है। हमास के अंतरिम नेता खालिद मशाल, वास्तव में, अधिक प्रभावशाली बन सकते हैं। इसके परिणामस्वरूप, शांति प्रक्रिया और इजरायल के साथ बातचीत में तेजी से परिणाम मिलने की संभावना है। यह गाजा में शांति की दिशा में ठोस कदम उठाने का अवसर है। कुछ एक्सपर्ट्स का कहना है कि इस हत्या ने युद्ध विराम और शत्रुता को शांत करने की उम्मीद जगाई है। हालांकि, ऐसी घटनाएं अक्सर कुछ समय में तनाव बढ़ा सकती हैं, जिससे नए संघर्ष शुरू हो सकते हैं।यह देखते हुए कि इजरायल के साथ बातचीत के पक्ष में रहने वाले हनीयेह की भी तेहरान में हत्या कर दी गई थी, यह कल्पना करना मुश्किल नहीं है कि खालिद मशाल को अगला निशाना बनाया जा सकता है। इजराइल, ईरान या अमेरिका? ये हत्याएं वास्तव में किसके पक्ष में हैं, यह एक और सवाल है। हालांकि यह सच है कि हमास और हिज्बुल्लाह के हर प्रमुख व्यक्ति की हत्या शांति की उम्मीद जगाती है, लेकिन हमें अमेरिकी चुनावों के बाद या जनवरी तक, अगर ट्रंप चुने जाते हैं, तब तक किसी सफलता के बारे में आशावादी नहीं होना चाहिए।गाजा में अन्य समूह अपने प्रभाव को बढ़ाने के लिए बनाई गई पॉवर वैक्यूम का फायदा उठा सकते हैं। विशेष रूप से, वे गाजा में संचालन को लेकर अधिक सक्रिय भूमिका निभा सकते हैं। वो हमास के सैन्य स्थिति को कुछ हद तक भरने की उम्मीद कर सकते हैं। हमास के बाद सबसे बड़ा संगठन, फिलिस्तीनी इस्लामिक जिहाद आंदोलन है, जो इस हालात को एक अवसर में बदलने की कोशिश करेगा।फिर फतह है!
सिनवार की मौत के साथ, फतह निस्संदेह राजनीतिक संघर्ष में और अधिक प्रमुख हो जाएगा, जो अब तक फिलिस्तीनियों के बीच नैरेटिव से बाहर हो गया है। यह संभावित रूप से फिलिस्तीनी आंदोलन को शांति के मार्ग पर वापस ला सकता है। यासर अराफात की ओर से स्थापित और फिलिस्तीनी प्राधिकरण को नियंत्रित करने वाली इस पार्टी की अंतर्राष्ट्रीय वैधता और मान्यता को और मजबूती मिलेगी। इस प्रकार, सिनवार की मौत से फतह प्रमुख महमूद अब्बास और उनका समर्थन करने वाले अरब राजतंत्रों के लिए सकारात्मक परिणाम हो सकते हैं।यह कहने की जरूरत नहीं है कि अरब राजतंत्रों को कट्टरपंथी धार्मिक समूहों और पश्चिम एशिया में ईरान के प्रतिनिधि हिज्बुल्लाह से एलर्जी है। यह कहा जाना चाहिए कि उन्होंने सिनवार की मौत का स्वागत किया। अगर ऐसा होता है, तो हम उम्मीद कर सकते हैं कि कुछ महीनों में हमास एक ऐसे संगठन की तरह दिखाई देगा जिसने अपनी दुश्मनी को दफना दिया है और अनिश्चित काल के लिए सो गया है। बेशक, उनके संघर्ष की आग पूरी तरह से बुझ नहीं पाएगी।