कोरबा कोरबा जिले में मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने पुनर्वास ग्राम मनगांव एवं भैसमाखार में नियमानुसार बसाहट सुविधाएं प्रदान करने की मांग की है। इस संबंध में माकपा प्रतिनिधि मंडल ने एक ज्ञापन एसईसीएल के महाप्रबंधक को सौंपा।
ज्ञापन में मांग की गई है कि दोनों गांवों की सामाजिक और सांस्कृतिक पहचान को बनाये रखने के लिए उनकी बसाहट को आपस में न मिलाया जाय तथा दोनों गांवों में पुनर्वास नियमों के अनुसार अलग-अलग अस्पताल, मनोरंजन गृह, श्मशान घाट, गौठान, बिजली, पानी, सड़क, देव स्थल व पार्क आदि की बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाए।
एसईसीएल कुसमुंडा अंतर्गत मनगांव की जमीन का वर्ष 1982 में एवं भैसमाखार की जमीन का वर्ष 1996 में अधिग्रहण किया गया था और दोनों गांवों को ग्राम कुचेना के पास बसाया गया था, किन्तु आज तक पुनर्वास नियमों के तहत भू-विस्थापित परिवारों को दी जाने वाली बुनियादी सुविधाओं को किसी भी गांव में उपलब्ध नहीं कराया गया है।
माकपा ने इन भू-विस्थापित गांवों के जिन लोगों को अभी तक बसाया नहीं गया है, उनका शीघ्र व्यवस्थापन करने पर जोर दिया है। एसईसीएल को दिए अपने ज्ञापन में माकपा ने भू-विस्थापित परिवारों के बेरोजगारों को रोजगार उपलब्ध कराने, दोनों गांवों की महिलाओं का समूह बनाकर उन्हें गृह उद्योग का काम उपलब्ध कराने तथा पुनर्वास ग्राम मनगांव के लिए बने तालाब में मनगांव की महिला समूह को मछली पालन के कार्य के लिए अनुदान एवं सहयोग देने की भी मांग की है।
माकपा ने अपनी इन मांगों के संबंध में कोरबा कलेक्टर तथा कटघोरा एसडीएम को भी अवगत कराया है, ताकि पुनर्वास संबंधी ग्रामीणों की जायज मांगों पर प्रशासनिक स्तर पर भी पहलकदमी की जा सके।
एसईसीएल को ज्ञापन सौंपने वालों में माकपा जिला सचिव प्रशांत झा, जवाहर सिंह कंवर, पुरषोत्तम कंवर, जय कौशिक, दीपक साहू, राधेश्याम कश्यप, दामोदर, सहोरिक, बलराम, बजरंग सोनी के साथ मनगांव और भैसमाखार के भू-विस्थापित परिवार के सदस्य शामिल हैं।