भोपाल । मध्यप्रदेश में सरकारी और निजी संपत्ति को पथराव या किसी अन्य तरीके से नुकसान पहुंचाने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। मध्यप्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने बुधवार को कहा है कि राज्य में जल्द ही प्रिवेंशन ऑफ लॉस ऑफ पब्लिक एंड प्राइवेट प्रॉपर्टी एंड रिकवरी ऑफ डैमेज एक्ट लाया जा रहा है। इसके तहत सरकारी या प्राइवेट संपत्ति पर पथराव या अन्य किसी तरीके से नुकसान पहुंचाने वाले से हर्जाना वसूला जाएगा। यह हर्जाना घटना की जगह के आधार पर तय होगा। दंगाई, पत्थरबाज और दूसरों की संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।
मिश्रा ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि कानून के तहत एक ट्रिब्यूनल बनेगा, जो हर्जाना तय करेगा। इसमें पुलिस महानिदेशक स्तर का अधिकारी, आईजी स्तर का अधिकारी और रिटायर्ड सेक्रेटरी होगा। इस ट्रिब्यूनल को सिविल कोर्ट जैसे अधिकार होंगे। कलेक्टर सरकारी संपत्ति को हुए नुकसान की जानकारी इस ट्रिब्यूनल को देगा। इसी तरह अगर किसी की निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचा है तो वह भी ट्रिब्यूनल से संपर्क कर सकेगा। उन्हें नुकसान की जानकारी ट्रिब्यूनल को देनी होगी। गृहमंत्री के अनुसार इस ट्रिब्यूनल को लैंड रेवेन्यू कोड जैसे ही अधिकार होंगे। केसेस का निपटारा एक महीने के अंदर किया जाएगा। इस ट्रिब्यूनल के आदेश के खिलाफ सीधे हाईकोर्ट में ही हो सकेगी।
आंदोलनकारियों को शख्त हिदायत
गृहमंत्री ने साफ संकेत दे दिया है कि मध्यप्रदेश में अब उग्र आंदोलन करने वाले और पत्थरबाजों की खैर नहीं होगी। आंदोलन के नाम पर तोडफ़ोड़ करते हैं। ऐसे लोगों को मध्यप्रदेश में बख्शा नहीं जाएगा, यदि आपको आंदोलन करना है तो साधारण तरीके के आंदोलन करिए तोडफ़ोड़ बर्दाश्त नहीं होगी। यदि प्रदेश के गृहमंत्री की माने तो अब आंदोलनकारियों के विरुद्ध सख्ती को लेकर मध्यप्रदेश भी हरियाणा एवं जम्मू कश्मीर की पंक्ति में खड़ा दिखाई देगा।