बिलासपुर । फेसबुक लाइव कार्यक्रम में बोलते हुए पूर्व मंत्री अमर अग्रवाल ने देश प्रदेश की स्थिति पर बहुत सारी बाते रखी । उन्होंने बिलासपुर नगर निगम और प्रदेश सरकार को आड़े हाथों लिया।
उन्होंने कहा विवाह कानून में संशोधन ऐतिहासिकज्.आधार कार्ड को वोटर आई डी से लिंक किये जाने का कानून साबित होगा मील का पत्थर। श्री अग्रवाल ने महामारी में बेमिसाल छ.ग. के उत्सव को बताया सरकार की संवेदनहीनता तथा दिखावे बाजी कहा ।वेतन विसंगति दूर करने बनी पिगुआकामेटी को उन्होंने चुनावी ड्रामा करार दिया।
भाजपा नेता व पूर्व मंत्री अमर अग्रवाल ने फेसबुक लाईव कार्यक्रम में विगत दिनों संसद में पारित विवाह की आयु में संशोधन अधिनियम को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि लड़कियों के लिए 21 वर्ष विवाह की आयु किये जाने से देश में जेंडर इक्विलिटी आयेगी महिला स्वास्थ्य एवं सुपोषण एवं महिला शिक्षा की दृष्टि से यह कानून क्रांतिकारी साबित होगा।
उन्होने बताया चुनाव सुधार संशोधन अधिनियम 2021 के कानून बन जाने से आधार कार्ड को वोटर कार्ड से लिंक किया जायेगा जिससे मतदाता सूची में गड़बड़ी और फर्जी वोटर की समस्या से निदान मिल सकेगा। देश के लोकतांत्रिक मूल्यों की स्थापना में उक्त दोनों विधेयक बेहद महत्वपूर्ण साबित होंगे।
छ.ग. राज्य सरकार के 3 वर्ष पर उत्सव मनाने को श्री अग्रवाल ने संवेदन हीनता का परिचायक बताया उनका कहना है कि महामारी के दौर में हजारों की भीड़ इक_ी करके उत्सव मनाना राज्य सरकार की दिखावे बाजी है। सरकार की नीतियों से तंग आकर महामारी की तीसरी लहर की आशंका के बीच कड़कती ठंड में 12 दिनों से हजारों सहायक शिक्षक दिन रात के धरने में रायपुर के बुढ़ा पारा में टेंट लगा कर बैठे हुए हैं।
स्कुलों में अघोषित तालाबंदी चल रही है और सरकार चुनाव के समय किये गये वादे पर अमल ना करते हुए शिक्षक साथियों की वेतन विसंगति की समस्या पर टाल मटोल कर रही है। उन्होंने कहा मनोज पिंगवा कमेटी जिसे विभिन्न विभागों के कर्मियों की क्रमोन्नति, पदोन्नति और वेतन विसंगतियों को दूर करने बनाया गया है वह केवल मामलो को चुनाव तक टालने का ड्रामा है।
उन्होंने कहा जो सरकार कर्मियों को दो साल से लंबित मंहगाई भत्ता नहीं दे पा रही है, जिस पर राजस्व का 106 प्रतिशत कर्ज चढ़ गया हो, वह कमेटियों के माध्यम से यू हीं टाल मटोल करते रहेगी। श्री अग्रवाल ने कहा सरकार 30,000 महिला स्व-सहायता समूहों से रेटी टू ईट का रोजगार छीनकर अपने चहेते ठेकेदारों को टेंडर पर कार्य देना चाहती थी किन्तु सौभाग्य है कि माननीय उच्च न्यायालय में दर्ज हस्तक्षेप याचिका से मामले में स्थगन आदेश मिल सका।
तीन वर्षों में निर्माण कार्य ठप्प रहे, चुनावी वादे कागजों में पूरे हुए, छ.ग. में माफिया राज और अपराध का बोलबाला रहा, तबादला उद्योग में सरकार की सबसे ज्यादा रूचि दिखी, किसान, युवा, मजदूर, बेरोजगार, अधिकारी, कर्मचारी सरकार की वादाखिलाफी से सड़कों पर आंदोलन के लिए मजबूर हो गये हैं,भूपेश सरकार की राज मे उनके ही विधायक पर हमला हो , तो आम जनता पर क्या होता होगा और सरकार के मंत्री बेमिसाल छ.ग. का नारा लगा रहे है। राज्य में पहली बार ऐसा हुआ जब बस्तर जैसे धुर नक्सली क्षेत्र में 1400 जवानों ने सरकार की नीति से तंग आकर हथियार वापस कर दिये हों।
श्री अग्रवाल ने कहा युवाओं के साथ राज्य की पीएससी परीक्षा में मूल निवासी शासकीय कर्मियों की मूल निवासी होने पर 5 वर्ष छूट को बिना अधिसूचना के खत्म करके लोक सेवा आयोग छ.ग. के द्वारा अन्याय पूर्ण भर्ती की नीति चलाई जा रही है। जिससे छ.ग. में मूलनिवासी शासकीय सेवक की उच्चतर आयु सीमा में कटौती की जा रही है। मध्य प्रदेश शासन के 1973 के नियमों का हवाला देकर छ.ग. में 2021 में भर्ती नियमों में शासकीय सेवकों की उच्चतर आयु सीमा का निर्धारण किया जा रहा है,
कालांतर मध्य प्रदेश में इन नियमों में बदलाव हो गया है और शासकीय सेवकों को मूल निवासी की छूट के साथ 5 वर्ष की छूट भी दी जाती उसे यहाँ नही लागू किया गया।हजारों शिक्षित युवा जो निम्न पद से उच्च पद पर जाने के लिए परीक्षा दिलाते हैं उनके आवेदन को मूल निवासी छूट के साथ 43 वर्ष तक मान्य करने की बजाय 38 वर्ष की उच्च आयु सीमा में ही अमान्य कर दिया जा रहा है।युवाओं ने त्रुटि सुधार हेतु आग्रह किया तो पीएससी और सामान्य प्रशासन विभाग स्पष्ट निर्णय करने के बजाय चि_ी बाजी द्वारा टालमटोल कर रहे हैं ।
श्री अग्रवाल ने निकाय चुनाव परिणाम में मिले जनादेश को शिरोधार्य बताते हुए तमाम बधाओं और अड़चनों के बावजूद भाजपा कार्यकर्ताओ व पदाधिकारियों को कड़ी मेहनत के लिए आभार व्यक्त किया एवं कहा परिणामों के संबध संगठन और प्रादेशिक नेतृत्व के द्वारा समीक्षा की जायेगी। उन्होंने कहा हम सभी भाजपा के कार्यकर्तागण हमेशा की तरह जनता जनार्दन के सौकार्यो और हितों के प्रति सहभागिता हेतु सदैव तत्पर रहेंगे।
श्री अग्रवाल ने कहा कि बिलासपुर में शहर विकास की बिजली गुल हो गई है। उन्होंने खुद के कार्यकाल निकाय मंत्री रहते हुए बकाया बिजली बिल का संमायोजन कराया था।अन्य निकायों में आबंटन जारी समयोचित निराकरण कराया गया उसके बावजूद केवल नगरनिगम का 50 करोड़ के ज्यादा का बिजली बिल बकाया है,
हम स्मार्ट सिटी योजना शहर वासियों के लिए लेकर हैं कांग्रेस की सरकार उसे लालटेन युग में ले जाना चाहती है,बिजली काटने से शहर की सड़कों और गलियों में शाम होते ही अंधेरा हो जाता है। शहर के विभिन्न कार्यालयों में 100 करोड़ से ज्यादा का बिजली बिल बाकी है आने वाले आप देख पाएंगे कि मोमबत्ती के प्रकाश में बैठकर अधिकारी कर्मचारी काम कर रहे हैं, जीरो पावर कट बिजली सरप्लस स्टेट में तीन सालों में छत्तीसगढ़ अंधेरगर्दी का राज हो गया है।