दिल्ली में पॉल्यूशन की गंभीर स्थिति है। पांच दिन बाद गुरुवार को दिल्ली में एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 400 के नीचे आया। यह 379 रिकॉर्ड किया गया। 300-500 के बीच AQI गंभीर स्थिति में माना जाता है।
वहीं, दिल्ली पुलिस ने ई-कॉमर्स कंपनियों से कहा है कि राजधानी में ऑनलाइन पटाखे बेचना तुरंत बंद करें। दिल्ली पुलिस ने बुधवार (20 नवंबर) को ई-कॉमर्स कंपनियों को ई-मेल किया।
दिल्ली पुलिस ने ये आदेश सुप्रीम कोर्ट के 11 नवंबर के ऑर्डर के चलते दिया। सुप्रीम कोर्ट ने एमसी मेहता बनाम भारत सरकार के मामले में निर्देश दिए थे कि पॉल्यूशन से निपटने के लिए पटाखों पर बैन लगाया जाए।
राष्ट्रीय राजधानी में ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान-4 (GRAP-4) लागू है। 12वीं तक की सभी क्लासेस ऑनलाइन कर दी गई हैं।
12वीं तक की सभी क्लासेस ऑनलाइन, 50% कर्मचारियों को वर्क फ्रॉम होम
दिल्ली सरकार ने सरकारी दफ्तरों में वर्क फ्रॉम होम का निर्णय लिया है। राज्य सरकार के 50% सरकारी कर्मचारी घर से काम करेंगे। यह जानकारी पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने दी। बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने जजों को डिजिटल सुनवाई का ऑप्शन दिया है।
चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) संजीव खन्ना ने कहा कि जहां भी संभव हो सके, कोर्ट वहां डिजिटल तरीके से सुनवाई करें। वकील वर्चुअल पैरवी कर सकते हैं। दरअसल, कपिल सिब्बल समेत सुप्रीम कोर्ट के कई वकीलों ने यह मांग की थी। कोर्ट ने अपने स्टाफ के लिए मास्क पहनना भी अनिवार्य कर दिया है।
सुप्रीम कोर्ट में 18 नवंबर को सुनवाई के दौरान AAP सरकार की वकील ज्योति मेहंदीरत्ता ने बताया था कि 10वीं व 12वीं को छोड़कर बाकी सभी कक्षाएं ऑनलाइन हैं। 5वीं कक्षा तक की पढ़ाई बंद है। इस पर जस्टिस ओका ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा- यह क्या मजाक है? 10वीं-12वीं के छात्रों के फेफड़े दूसरों से अलग नहीं हो सकते। उनकी भी फिजिकल कक्षाएं बंद करें, ऑनलाइन शुरू कराएं।
सुप्रीम कोर्ट ने आयोग से पूछा था- GRAP 4 लागू करने में देरी क्यों हुई
पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट ने GRAP-3 और GRAP-4 लागू करने में देरी के लिए आयोग और सरकार को फटकार लगाई थी। साथ ही कहा था कि अगले आदेश तक पूरे NCR में स्कूलों को बंद रखा जाए। सुप्रीम कोर्ट ने CAQM को सख्ती बरतने का निर्देश दिया था और कहा था प्रतिबंध लागू करने का काम स्थानीय अधिकारियों पर नहीं छोड़ा जाएगा।
AQI 400 के पार पहुंचने पर GRAP लगाया जाता है
हवा के प्रदूषण स्तर की जांच करने के लिए इसे 4 कैटेगरी में बांटा गया है। हर स्तर के लिए पैमाने और उपाय तय हैं। इसे ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP) कहते हैं। इसकी 4 कैटेगरी के तहत सरकार पाबंदियां लगाती है और प्रदूषण कम करने के उपाय जारी करती है।