कोरबा कोरबा जिले में ऊर्जाधानी भूविस्थापित किसान कल्याण समिति ने एसईसीएल दीपका के साइलो और सीएचपी से बाहर निकाले गए 100 ठेका मजदूरों को साथ लेकर तीन किलोमीटर तक पदयात्रा की। सीजीएम कार्यालय के सामने प्रदर्शन करते हुए इन ठेका मजदूरों की बहाली की मांग की गई।
दीपका परियोजना स्थित साइलो और सीएचपी में 1 दिसम्बर को नई ठेका कंपनी ने कार्य करना शुरू किया है और कार्य स्थल में नियोजित 240 में से 100 मजदूरों की छंटनी कर दिया है जिससे इनके समक्ष आजीविका और परिवार के भरण-पोषण की समस्या आ गई है। 5 दिसम्बर को 3 घण्टे तक साइलो को बंद कराकर मजदूरों ने आक्रोश प्रदर्शित किया था।
जिला प्रशासन की ओर से दीपका तहसीलदार, दीपका थाना प्रभारी, एसईसीएल के अधिकारी की मौजूदगी में ठेका कंपनी नागार्जुन के स्थानीय प्रबंधक ने 15 दिनों में सभी कामगारों को काम पर वापस रख लेने का लिखित आश्वासन दिया था किंतु मजदूरों को वापस नहीं लिया है। इसके उपरांत पुन: चेतावनी दिया गया 20 दिसंबर तक इन ठेका कर्मियों को वापस नहीं लिया गया तो 21 दिसंबर से साइलो को अनिश्चित काल के लिए बन्द करा दिया जाएगा। ऊर्जाधानी भू-विस्थापित किसान कल्याण समिति के अध्यक्ष सपुरन कुलदीप, कोरबा क्षेत्र के संयोजक गजेन्द्र ठाकुर की अगुवाई में दीपका मुख्य महाप्रबन्धक कार्यालय के सामने एक घण्टे तक गेट जाम कर नारेबाजी कर 5 सूत्रीय मांग पत्र सौपा गया।
इस दौरान प्रमुख रूप से ललित महिलांगे, अनसुईया राठौर, रविंद्र जगत, संदीप कंवर, रजनीश मरावी, भागीरथी यादव, राहुल जायसवाल, गणेश उईके, मुकेश यादव, माही यादव, विजय श्याम, अर्जुन वस्त्रकार, अजय यादव, राजू, बसंत चंद्राकर, रामाधार यादव, नंदकुमार, बसंत कश्यप, भगवती, राजकुमारी, जानकी, समुन्द्र बाई, आहिल्या बाई, रमीला यादव, चमेली, लता, सतरूपा, प्रतिभा, पूनम कश्यप, रेणुका कश्यप, गौरी बाई सहित बड़ी संख्या में भू-विस्थापित एवं ठेका मजदूर उपस्थित थे।