वेटरन एक्ट्रेस हेमा मालिनी ने फिल्मों के साथ-साथ राजनीति में भी सफल पारी खेली है लेकिन क्या आप जानते हैं कि धर्मेंद्र नहीं चाहते थे कि हेमा राजनीति में आएं। इस बात का खुलासा हेमा ने खुद एक इंटरव्यू में किया है।
न्यूज 18 को दिए इंटरव्यू में हेमा ने कहा, 'धरमजी को ये बिलकुल पसंद नहीं था। उन्होंने मुझसे कहा था कि मैं चुनाव न लडूं क्योंकि ये बहुत कठिन टास्क है। जब उन्होंने ऐसा कहा तो मैंने इस बात को एक चैलेंज के तौर पर लिया।'
हेमा बोलीं, 'धरमजी को राजनीति में इसलिए दिक्कत आई क्योंकि उन्हें ट्रैवल काफी करना पड़ता था और इसके साथ उन्हें फिल्मों में भी काम करना था।'
हेमा ने आगे कहा, 'जब आप एक फिल्म स्टार होकर राजनीति में आते हैं तो लोगों का क्रेज आपके प्रति और बढ़ जाता है। धरमजी को लेकर फैंस का क्रेज सब जानते हैं तो उन्हें इसे मैनेज करने में काफी दिक्कत होती थी। मैं भी कई परेशानियों का सामना करती हूं जो धरमजी को बिलकुल पसंद नहीं लेकिन मैं एक महिला हूं तो मैं ठीक से सबकुछ मैनेज कर लेती हूं। '
विनोद खन्ना ने की थी मदद
हेमा ने इंटरव्यू में ये भी बताया कि उनकी पॉलिटिकल जर्नी में विनोद खन्ना ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। हेमा बोलीं, मैं विनोद खन्ना से प्रभावित थी क्योंकि वो मुझे अपनी चुनावी सभाओं में साथ ले जाते थे। उन्होंने मुझे बहुत कुछ सिखाया जैसे स्पीच कैसे देना है, पब्लिक को कैसे फेस करना है आदि। पांच-छह हजार लोगों के सामने स्पीच देना कोई मजाक की बात नहीं है। आप पहली बार में डर जाते हैं।
मथुरा से तीसरी बार मैदान में हेमा
2014 में भाजपा ने पहली बार हेमा मालिनी को मथुरा लोकसभा सीट से चुनावी मैदान में उतारा था। इसके बाद उन्होंने दूसरी बार भी 2019 में लोकसभा चुनाव मथुरा से ही लड़ा और जीत हासिल की।
अब वो तीसरी बार मथुरा से चुनाव लड़ रही हैं। वहीं धर्मेंद्र 2004 से 2009 तक बीकानेर से सांसद थे लेकिन बाद में उन्होंने राजनीति छोड़ दी थी।