कोरबा कोरबा जिलान्तर्गत एसईसीएल गेवरा खदान में 150 टन क्षमता वाले डंपर आपरेटर दूसरे दिन भी काम पर नहीं लौटे। प्रबन्धन की निलंबन कार्यवाही का असर उन पर नही हुआ। काम में गतिरोध की वजह से खदान के वेस्ट एमटीके में ओबी और कोयला उत्पादन काम बाधित हो गया है। आपरेटरो ने एक मांग पत्र भी प्रबन्धन को सौंपा है।
साउथ इस्टर्न कोलफिल्ड्स लिमिटेड गेवरा खदान में वेस्ट एमटीके के करीब 80 डंपर आपरेटर एक साथ अचानक ओटी की मांग को लेकर काम बंद कर दिए। गुरुवार को तीनों पाली में काम ठप रहा। शुक्रवार सुबह भी वे काम पर नही लौटे। इसकी वजह से करीब 32 घंटे कोयला उत्पादन कार्य प्रभावित हुआ। पहले ही प्रबंधन पर कोयला उत्पादन बढ़ाए जाने का दबाव है, ऐसे में बिना किसी नोटिस के हड़ताल में जाने की इस मामले को बेहद गंभीरता से लिया गया है। प्रबंधन ने सख्त रवैय्या अपनाते हुए 10 कर्मियों को निलंबित करते हुए सभी डंपर आपरेटरों की वेतन काटने की घोषणा कर दी है।
गेवरा खदान के वेस्ट एमटीके में 150 टन क्षमता के आपरेटरों ने गुरूवार को प्रथम पाली से सामूहिक रूप से एकाएक काम बंद कर दिया। हाजिरी नहीं लगाते हुए काम का बहिष्कार किया। इन कर्मियों का प्रबंधन पर आरोप था कि प्रबंधन इस्ट व वेस्ट में कार्यरत कर्मियों के मध्य भेदभाव की नीति अपना रहा है। इस्ट में 240 टन क्षमता डंपर चला रहे आपरेटरों को सामान्य ड्यूटी करने पर 4 घंटे का ओवहरटाइम दिया जा रहा है, पर वेस्ट में कार्यरत आपरेटरों को इसका लाभ नहीं मिल रहा। 8 घंटा से ज्यादा ड्यूटी कराई जा रही हैं। खदान क्षेत्र की सड़क भी खराब है, इससे दुर्घटना की संभावना बनी रहती है। उनका कहना है कि प्रबंधन के द्वारा दबाव पूर्वक कार्य कराया जा रहा है। काम बंद करने के पहले ना तो प्रबंधन को कोई नोटिस दी गई और ना हीं वार्ता की गई। एकाएक काम बंद किए जाने से प्रबंधन हड़बड़ा गया। शिफ्ट इंचार्ज ने आपरेटरों से चर्चा की और काम पर वापस लौटने कहा, लेकिन आपरेटर अपनी मांग पर अड़े रहे और धीरे धीरे प्रथम पाली का समय समाप्त हो गया।
प्रबंधन को उम्मीद थी कि द्वितीय पाली में आपरेटर काम पर आएंगे, लेकिन द्वितीय पाली के भी आपरेटरों ने काम का बहिष्कार कर दिया। प्रथम व द्वितीय पाली में लगभग 80 आपरेटर के नहीं आने से मिट्टी निकासी व कोयला उत्पादन काम पूरी तरह ठप रहा। गेवरा खदान पहले से ही उत्पादन लक्ष्य से काफी पीछे चल रही है और प्रतिदिन दो लाख टन उत्पादन करने के बजाए वर्तमान में मुश्किल से डेढ़ लाख टन उत्पादन हो रहा है। ऐसी स्थिति में कर्मियों के आंदोलन किए जाने से उत्पादन पर प्रभाव पडऩे के मामले प्रबंधन ने गंभीरता से लेते हुए पत्र जारी कर सभी कर्मियों को नोटिस जारी कर दिया और वेतन काटने की घोषणा कर दी। शाम को मामला गंभीर होते देख प्रबंधन ने एक दर्जन से ज्यादा कर्मियों को निलंबित कर शोकाज नोटिस जारी कर दिया।
*लक्ष्य से पीछे चल रही है खदान
गेवरा क्षेत्र का नाम उत्पादन के मामले में अग्रणी है। ऐसे में यहां की कोयला खदानो का महत्व सर्व विदित है। अब जबकि वित्तीय वर्ष की समाप्ति को डेढ़ महीने का समय बाकी है। इस स्थिति में वर्तमान में चल रही गतिविधियों के कारण उत्पादन लक्ष्य की पूर्ति आखिर कैसे हो सकेगी, यह सबसे बड़ी चुनौती बनी हुई है। मेगा प्रोजेक्ट में ओवरबर्डन नहीं हटाने के कारण इसका सीधा असर कोयला उत्पादन पर पड़ा है और 32 घंटे से ज्यादा की अवधि में एसईसीएल को मोटी चपत लगी है। संभव है कि इसके लिए कर्मचारियों के अलावा अधिकारियों पर भी गाज गिर सकती है।
*जल्द थमाई जा सकती है चार्जशीट
एसईसीएल गेवरा परियोजना के उप महाप्रबंधक खनन के द्वारा जारी आदेश के अंतर्गत 10 डंपर ऑपरेटर्स को निलंबित करने की कार्यवाही की गई है। इसके अंतर्गत रघुवीर सिंह, मकसूद मियां, अभिषेक डेविड, अजय कुमार, अनिल कुमार, गजेश सिंह, हेमंत दास, कमल कुमार और राकेश कुमार को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया है। आदेश में कहा गया कि इन सभी ने 10 फरवरी को द्वितीय पाली ड्यूटी में अनैतिक मांग को लेकर हाजिरी दर्ज नहीं की और डंपर नहीं निकाला जो अनैतिक एवं अघोषित हड़ताल का हिस्सा है जिसके कारण कंपनी को ओबी उत्पादन का नुकसान हुआ और कोयला उत्पादन नहीं हुआ। यह क्षति आपकी अघोषित हड़ताल करने के कारण हुई। यह कृत्य कंपनी के प्रमाणित स्थाई आदेशों के अंतर्गत गंभीर कदाचरण की श्रेणी में आता है। आदेश में कहा गया है कि कार्यालय के द्वारा जो दस्तावेज आपके नाम पर जारी किया जाता है उसे आप संबंधित कार्यस्थल से कार्यालयीन अवधि में प्राप्त करेंगे और प्रबंधन की बिना अनुमति के निलंबन अवधि में मुख्यालय नहीं छोड़ेंगे।