भोपाल । बिजली के दामों में लगातार इजाफा हो रहा है। अब फ्यूल कास्ट एडजस्टमेंट के जरिए दाम बढ़ाने की तैयारी है। जनवरी से संभव है कि प्रति यूनिट पर करीब छह पैसा अतिरिक्त एफसीए देय हो। मप्र पॉवर मैनेजमेंट कंपनी ने 6 पैसे प्रति यूनिट पर एफसीए लागू करने का प्रस्ताव मप्र विद्युत नियामक आयोग को भेजा है। यदि मंजूरी मिली तो 100 यूनिट मासिक खपत पर छह रुपये बढ़कर बिल मिलेगा। वहीं जनवरी के बिल में बिजली के बढ़े हुए दाम भरने पड़ सकते हैं।
मप्र पॉवर मैनेजमेंट कंपनी ने इस संबंध में पिछले दिनों प्रस्ताव मप्र विद्युत नियामक आयोग के पास भेजा हुआ है। जहां से अभी मंजूरी मिलना बाकी है। हर तिमाही एफसीए तय किया जाता है। तेल और कोयले की उपलब्धता के आधार पर ये तय होता है। मप्र पॉवर प्लांट में जिस हिसाब से तेल और कोयला उपयोग होता है उस पर खर्च होने वाली राशि के आधार पर एफसीए की मांग होती है।
ये भार जो जनवरी से लगेगा
जनवरी माह का जो बिल जारी होगा,उसमें बिजली के दाम बढ़े रहेंगे। इसके अलावा एफसीए भी यदि बढ़ा तो उससे भी बिल में सीधा असर होगा। बिजली कंपनी ने हाल ही में 8.71 फीसदी औसत बिजली के दाम बढ़ाने का प्रस्ताव दिया है। जिस पर मप्र विद्युत नियामक आयोग को सुनवाई करनी है। यदि आयोग ने कंपनी के प्रस्ताव को मंजूर किया तो एक अप्रैल से बिजली उपभोक्ताओं को और महंगी बिजली खरीदनी पड़ सकती है। ज्ञात हो कि मौजूदा वर्ष में पहले ही 0.69 फीसदी बिजली के दाम बढ़ाए गए थे।