भोपाल : मानसून की बौछारें हमारे मन में अपना पसंदीदा मौसमी व्यंजन खाने की इच्छा जगा देती हैं। हरियाली का नजारा लेते हुये मुंह में पानी भर देने वाले व्यंजनों का आनंद उठाते समय कुछ गरमागरम पीने की बात ही अलग होती है। इस खुशनुमा मौसम का हर कोई आनंद उठाता है और एण्डटीवी के हमारे कलाकार भी इसमें शामिल हैं। मानसून के अपने पसंदीदा पकवानों के बारे में बताते हुये इन कलाकारों ने बारिश के व्यंजनों के साथ अपने व्यक्गित जुड़ाव और कहानी को साझा किया। इन कलाकारों में शामिल हैं आशुतोष कुलकर्णी (‘अटल‘ के कृष्ण बिहारी वाजपेयी), योगेश त्रिपाठी (‘हप्पू की उलटन पलटल‘ के दरोगा हप्पू सिंह) और शुभांगी अत्रे (‘भाबीजी घर पर हैं‘ की अंगूरी भाबी)। आशुतोष कुलगर्णी ऊर्फ ‘अटल‘ के कृष्ण बिहारी वाजपेयी ने कहा, ‘‘बारिश का मौसम आते ही मैं मराठी व्यंजनों के स्वाद में डूब जाता हूं। ठंडी, बरसाती हवाओं में मेरी संस्कृति के स्वादिष्ट एवं आनंददायक व्यंजन और भी ज्यादा लजीज़ लगने लगते हैं। बारिश देखते हुये अदरक वाली चाय और गरमागरम भजियों का आनंद उठाना बेहद मजेदार लगता है। प्याज, आलू या हरी मिर्च के भजिये मुझे सबसे ज्यादा पसंद हैं। ये भजिये बाहर से एकदम क्रिस्पी और अंदर से नरम होते हैं, जोकि मुझे बहुत अच्छे लगते हैं। हरी चटनी या इमली की खट्टी-मीठी चटनी के साथ इनका स्वाद और बढ़ जाता है। मुझे कांदा भाजी या प्याज के पकौड़े सबसे ज्यादा पसंद हैं। बेसन के मसालेदार घोल में डुबोकर तेल में तले गये इन प्याज के पकौड़े का स्वाद लाजवाब होता है, खासकर जब इन्हें चटनी के साथ परोसा जाये। वीकेंड पर मैं अक्सर अपनी मां से पिठला भाकरी बनाने की गुजारिश करता हूं, जोकि एक पारंपरिक मराठी डिश है, जिसे बेसन से बनाया जाता है और ज्वार या बाजरे की भाकरी के साथ परोसा जाता है। क्रीमी, स्पाइसी पिठला के साथ गरम-गरम भाकरी का स्वाद बारिश के दिनों में बेमिसाल होता है। मुझे याद है कि स्कूल के टिफिन में मैं इसे लेकर जाया करता था और अपने दोस्तों के साथ बांटकर खाता था। इसके अलावा मुझे बटाटा वड़ा भी बहुत पसंद है, जिसका मुझे बेसब्री से इंतजार रहता था। इस स्नैक्स को लहसून की मसालेदार चटनी और पाव के साथ परोसा जाता है।‘‘
योगेश त्रिपाठी, ऊर्फ ‘हप्पू की उलटन पलटन‘ के दरोगा हप्पू सिंह ने कहा, ‘‘मानसून का मौसम उत्तर प्रदेश में खुशियां मनाने का समय होता है और खान-पान इस अनुभव को और भी खूबसूरत बना देता है। हर डिश मुझे मेरी जड़ों से जोड़ती है और बचपन की याद दिलाती है, जब मैं अपने परिवार वालों एवं दोस्तों के साथ इनका आनंद उठाता था। बारिश के दिनों में मेरे घर में कचौरियां जरूर बनती हैं। मसालेदार दालों या मटर भरी ये फूली-फूली कचौरियां वाकई में मजेदार लगती हैं, खासतौर से तब, जब इन्हें खट्टी-मीठी ईमली की चटनी या हरी चटनी के साथ परोसा जाता है। मेरी दूसरी सबसे ज्यादा पसंदीदा चीज है आलू टिक्की या मसालेदार पोटैटो पैटीज़, जोकि उत्तर भारत का एक लोकप्रिय स्ट्रीट फूड है। मानसून के मौसम में अपनी पत्नी के अनुरोध पर मुझे घर पर इन्हें बनाना अच्छा लगता है, जिसे मैं अलग-अलग चटनियों और टॉपिंग्स के साथ अपने अंदाज में बनाता हूं। बाहर से क्रिस्पी और अंदर से मुलायम, मसालेदार आलू की फिलिंग के साथ इन टिक्कियों का स्वाद कमाल का होता है। मुंबई में भी बारिश के दिनों में मैं इन व्यंजनों का लुत्फ उठाता हूं, जो हर मानसून को एक जश्न में बदल देते हैं, जोकि पुरानी यादों को ताजा कर देता है।‘‘ शुभांगी अत्रे ऊर्फ ‘भाबीजी घर पर हैं‘ की अंगूरी भाबी ने कहा, ‘‘मानसून के दौरान इंदौर की गलियां जीवंत हो उठती हैं, जहां वेंडर्स गरमागरम, क्रिस्पी गराड़ू बेचते हैं। मुझे याद है कि कैसे मैं अपने दोस्तों के साथ छाते के नीचे खड़ी होकर गराड़ू का स्वाद लेती थी और हमारी ऊंगलियों पर उसका स्वादिष्ट मसाला चिपक जाता था। ये गराड़ू बाहर से क्रिस्पी और अंदर से सॉफ्ट तथा स्वाद से भरपूर होते थे, जिन्हें मसालेदार मिश्रण में डालकर तला जाता था। इन्हें खाने का आंनद बेमिसाल होता था। मुझे जब भी शूटिंग से छुट्टी मिलती है, मैं घर पर इंदौरी स्टाइल गराड़ू बनाती हूं और बारिश के नजारे लेते हुये अपनी बालकनी में बैठकर इसका आनंद उठाती हूं। मेरा एक और पसंदीदा व्यंजन जो मुझे बचपन की याद दिलाता है, वह है दाल-बाफला, जोकि एक पारंपरिक मालवा डिश है। यह दाल-बाटी की तरह होता है, लेकिन ज्यादा नरम होता है और इसे घी में डुबोकर खाया जाता था। लजीज़ दाल और घी के साथ परोसे गये गोल्डेन ब्राउन बाफला, मेरे घर को गर्माहट और अपनत्व के स्वाद से भर देते हैं। बारिश के दिनों में घरवालों के साथ बैठकर दाल-बाफला खाना एक रिवाज की तरह हुआ करता था। बारिश के दिनों में आग पर भूने गये गरमागरम भुट्टे खाना एक एक और पसंदीदा चीज है, जिसका आनंद मैं बाहर लेती हूं। यह मानसून के मौसम को मेरे लिये और भी आनंददायक बना देता है।‘‘
मानसून के अपने पसंदीदा व्यंजनों का आनंद उठाते हुये एण्डटीवी के इन प्रतिभाशाली कलाकारों को अभिनय का जलवा बिखेरते हुये देखना न भूलें! अपने पसंदीदा कलाकारों को देखिये ‘अटल‘ में रात 8ः00 बजे, ‘हप्पू की उलटन पलटन‘ में रात 10ः00 बजे और ‘भाबीजी घर पर हैं‘ में रात 10ः30 बजे, हर सोमवार से शुक्रवार, सिर्फ एण्डटीवी पर!