इंदौर. डांडिया की खनक… चूड़ियों और पायलों की छनक… मां की आराधना में सराबोर भक्त… पारंपरिक परिधानों में सजे गरबा प्रेमी मंच को कर रहे रंगीन… बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक में गरबा खेलने का उत्साह यह नजारा इन दिनों लालबाग पैलेस में आयोजित ‘घूमर’ गरबा महोत्सव में हर रोज देखने को मिल रहा है। यह महोत्सव भारतीय जनता युवा मोर्चा के अध्यक्ष व आयोजक सौगत मिश्रा के नेतृत्व में किया जा रहा है।
नवरात्रि के अवसर पर आयोजित घूमर गरबा महोत्सव के 5 वें दिन फ्यूजन गरबा, महिषासुर मर्दिनी और भगवान कृष्ण का नाटक प्रस्तुत किया गया। आयोजक सौगात मिश्रा ने बताया कि हर रोज की तरह सोमवार को शाम 08:30 बजे से महोत्सव की शुरुआत माँ अम्बे की पूजा अर्चना के साथ हुई। आरती में मुख्य रूप से प्रदेश उपाध्यक्ष जीतू जिराती शामिल हुए। इनके साथ ही शहर के कई जन प्रतिनिधि मौजूद रहे। दिन-ब-दिन महोत्सव में भक्तों की भीड़ बढ़ रही है।
भाजयुमो के अध्यक्ष मिश्रा ने बताया कि सोमवार को आयोजित फ्यूजन गरबा महोत्सव में लगभग 150 लोगों ने भाग लिया। इस अवसर पर महिषासुर मर्दिनी स्त्रोत पाठ किया गया, जिसमें 50 लोगों की टीम ने भाग लिया। स्त्रोत पाठ के दौरान ऐसा लगा मानो मां दुर्गा स्वयं प्रकट हो गई हों। इसके अलावा, भगवान कृष्ण का भी रूपांतरण किया गया, जिसमें लगभग 50 लोगों ने भाग लिया। महोत्सव के दौरान जब दोनों प्रस्तुतियां हो रही थीं, तब लालबाग में मौजूद लोगों का उत्साह एक अलग ही स्तर पर था। फ्यूजन गरबा ने भक्ति और उत्साह का अद्भुत संगम प्रस्तुत किया, जिसने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
आयोजक मिश्रा ने बताया कि गरबा महोत्सव के दौरान महाभारत का टाइटल सॉन्ग "है कथा संग्राम की, विश्व के कल्याण की" पर हजारों लोगों ने गरबा नृत्य किया। इस दौरान द्रौपदी की एंट्री, स्वयंवर और चीर हरण के दृश्यों को दर्शाया गया, जिसे देखकर कई लोगों की आंखें नम हो गईं। भगवान कृष्ण द्वारा द्रौपदी की लज्जा बचाने के दृश्य ने पूरे मैदान को तालियों की गड़गड़ाहट से गूंजायमान हो गया। इस नाटक में भाग लेने वाले सभी लोगों को पुरस्कृत किया गया। यह गरबा महोत्सव महाभारत के पात्रों को जीवंत करने का एक अनोखा तरीका था, जिसने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।