भोपाल । राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने कहा है कि कोई भी कमजोरी आत्मविश्वास से बड़ी नहीं हो सकती। कमजोरियों पर विजय पाने वाले समाज के हीरों होते हैं। भावी पीढ़ी की प्रेरणा और आदर्श होते है। दृष्टि बाधित क्रिकेट प्रतियोगिता में शामिल हर खिलाड़ी जिंदगी का विजेता है। उन्होंने कहा कि जीत यदि आनंद का उत्सव है तो पराजय नए कमजोरियों को पहचानने का संकल्प होता है।
राज्यपाल श्री पटेल आज नेशनल और स्टेट क्रिकेट एसोसिएशन फॉर ब्लाइंड के द्वारा आयोजित भारत-बांग्लादेश टी-20 दृष्टि बाधित क्रिकेट सीरीज के पहले डे-नाइट मैच के शुभारम्भ कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।
राज्यपाल श्री पटेल ने कहा कि गिरकर उठना ही जीवन का सत्य है। इसलिए परिणाम की चिंता किए बिना ही बेहतर प्रदर्शन की तैयारी ही प्रतियोगिता है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का मानना है कि एक अंग की कमजोरी व्यक्ति की कमजोरी नहीं होती। उन्होंने व्यक्ति की विशेष क्षमताओं को पहचान कर दिव्यांगजन का नाम देकर सरकार का नज़रिया स्पष्ट किया है। सरकार ने दिव्यांगजन के हितार्थ अनेक योजनाएँ लागू की है। राज्यपाल श्री पटेल ने उपस्थितजनों का आव्हान किया कि इन योजनाओं के लाभ पात्र दिव्यांगों को दिलाने में सहयोग करें। उन्होंने क्रिकेट एसोसिएशन के प्रयासों और दृष्टि बाधित महिला क्रिकेट टीम के गठन की पहल की सराहना की। राज्यपाल श्री पटेल ने बांग्लादेश टीम के कप्तान अशिर्कुर रहमान और भारतीय टीम के कप्तान सुनील रमेश के मध्य टॉस कराया। दोनों टीम के खिलाड़ियों से परिचय प्राप्त किया। श्री पटेल ने टीम भावना की प्रेरणा देते हुए दोनों टीमों के कप्तानों के साथ अलग-अलग उनकी विजय का जयकारा लगाया। खिलाड़ियों का उत्साहवर्धन किया। मैच के पांच ओवरों का आनंद भी लिया।
स्टेट क्रिकेट एसोसिएशन फॉर ब्लाइंड इन मध्यप्रदेश के अध्यक्ष डॉ. राघवेंद्र शर्मा ने स्वागत उद्बोधन देते हुए बताया कि भारत बांग्लादेश के बीच वन-डे और टी-20 के तीन मैचों की श्रृंखला आयोजित की गई है। टी-20 श्रृंखला का यह दूसरा मैच है। नेशनल क्रिकेट एसोसिएशन फॉर ब्लाइंड इन इंडिया के महासचिव जॉन डेविड ने बताया कि दृष्टि बाधित क्रिकेट मैचों का आयोजन वर्ष 2010 से शुरू किया गया है। अभी तक दो नेशनल और चार इंटरनेशनल टूर्नामेंट आयोजित किए गए है।