तेलअवीव: गाजा युद्ध के बीच भारत से 60 कंस्ट्रक्शन वर्कर्स मंगलवार को इजरायल के लिए रवाना हो गए। इजरायल के राजदूत नाओर गिलोन ने इसकी जानकारी दी है। इजरायली दूतावास ने भारतीय कामगारों के पहले दल को फेयरवेल दिया। सूत्रों के मुताबिक आने वाले कुछ हफ्ते में 1500 भारतीय कामगारों का दल इजरायल के लिए रवाना होगा। इजरायली राजदूत ने कहा कि 60 वर्कर इजरायल जा रहे हैं जो दोनों देशों की सरकारों के बीच हुए समझौते के तहत भेजे जा रहे हैं। इन भारतीय कामगारों को भर्ती करने के बाद पहले राष्ट्रीय कौशल विकास कार्पोरेशन में ट्रेनिंग दी गई है।इजरायली राजदूत ने उम्मीद जताई कि ये वर्कर्स भारत के दूत बनेंगे और दोनों देशों के बीच रिश्तों में गर्माहट और ज्यादा बढ़ जाएगी। इससे पहले लेबनान से मिसाइल हमले के बाद एक भारतीय कामगार की मौत हो गई थी और दो अन्य घायल हो गए थे। भारत ने इजरायल में मौजदू अपने नागरिकों को सलाह दी थी कि वे और ज्यादा सुरक्षित इलाकों में चले जाएं। कुल करीब 1 लाख भारतीयों को भर्ती करने की योजना है और ये लोग फलस्तीनी लोगों की जगह लेंगे जिन्हें हमास के भीषण हमले के बाद हटा दिया गया था।
भारत से अगली भर्ती की तैयारी में इजरायल
इससे पहले यूपी और हरियाणा में कई टेस्ट हुए थे और इसके बाद इन कामगारों का चुनाव किया गया था। अभी 10 हजार वर्कर्स इजरायल जा रहे हैं और उसके बाद यह संख्या 1 लाख तक पहुंच सकती है। इसमें आयरन बेंडिंग, प्लास्टर करने वाले, टाइल्स लगाने वाले प्रमुख हैं। इन भारतीयों को 1 लाख 35 हजार रुपये सैलरी और अन्य सुविधाएं मिलेंगी। एयर इंडिया की मदद से इन भारतीय कामगारों को इजरायल भेजा जा रहा है। इसके अलावा इजरायल की सरकार अतिरिक्त चार्टर फ्लाइट का इंतजाम कर रही है ताकि और लोग आसानी से वहां जा सकें
इजरायल ने अब 15 हजार और कामगारों की मांग की है। इस बीच महाराष्ट्र और तेलंगाना ने भी अपने यहां के युवाओं को भी भर्ती करने का मौका देने की मांग की है। इजरायल भारत के कामगारों को मुख्य रूप से बुजुर्गों की देखरेख, निर्माण और कृषि, इन तीन क्षेत्रों में भर्ती करना चाहता है। पिछले साल इजरायल और भारत के बीच भारतीयों को भेजने को लेकर समझौता हुआ था। अभी इजरायल में भारत के 1 लाख 80 हजार नागरिक काम करते हैं। इसमें बड़ी संख्या में लोग बुजुर्गों की सेवा में हैं। इजरायल में हमास के हमले के बाद अब कामगारों की भारी कमी हो गई है। पहले ये काम फलस्तीनी करते थे। भारत ने अपने नागरिकों को उत्तरी और दक्षिणी इलाकों में जाने से परहेज करने को कहा है जहां युद्ध चल रहा है।