कुशीनगर । तथागत की धरती से पहली उड़ान दिल्ली को होने वाली है। इसके लिए इसके स्पाइसजेट ने कुशीनगर हवाई अड्डे को अपने नेटवर्क पर ऐड करने का ऐलान कर दिया है। कुशीनगर से पहली फ्लाइट 26 नवंबर 2021 को उड़ेगी। स्पाइसजेट कुशीनगर हवाई अड्डे को उड़ान गंतव्य के तौर पर ऐड कर रही है। कंपनी कुशीनगर को उड़ानों के माध्यम से दिल्ली, मुंबई और कोलकाता से जोड़ेगी।
बुधवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कुशीनगर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा का उद्घाटन किया और उद्घाटन सत्र के सम्बोधन में बताया कि कुशीनगर से पहली उड़ान दिल्ली के लिए स्पाईसजेट करेगी। दिल्ली के लिए पहली फ्लाइट 26 नवंबर को
चलेगी, वहीं मुंबई
और कोलकाता के लिए फ्लाइट 18 दिसंबर
2021 से शुरू होगी।
आईये जाने कितना होगा किराया
विमानन कंपनी की ओर से जारी बयान के मुताबिक, दिल्ली-कुशीनगर-दिल्ली सेक्टर पर फ्लाइट का किराया 3662 रुपये से
शुरू होगा। इस रूट पर स्पाइसजेट की उड़ानें सप्ताह में 4 दिन सोमवार, बुधवार, शुक्रवार
और रविवार को संचालित होंगी। कंपनी की ओर से बताया गया है कि फ्लाइट बुकिंग शुरू हो चुकी है। यात्री स्पाइसजेट के मोबाइल ऐप, ऑनलाइन ट्रैवल पोर्टल्स और ट्रैवल एजेंटों की मदद से टिकट बुक कर सकते हैं।
स्पाइसजेट ने दिल्ली-कुशीनगर-दिल्ली रूट पर 737 और क्यू
400 एयरक्राफ्ट को लगाया है। मुंबई और कोलकाता रूट पर किराया कितना होगा, इसकी डिटेल
अभी ज्ञात नही हो सकी है। स्पाइसजेट के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक अजय सिंह ने कहा, “मैं ऐतिहासिक शहर कुशीनगर और इसके निवासियों को निर्बाध घरेलू और अंतरराष्ट्रीय संपर्क के लिए अपना अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा होने के लिए हार्दिक बधाई देता हूं। स्पाइसजेट को इस नई शुरुआत का एक अभिन्न हिस्सा होने पर बहुत गर्व है और स्पाइसजेट 26 नवंबर
2021 से कुशीनगर से उड़ानें शुरू करने वाली पहली भारतीय एयरलाइन होगी।”
कुशीनगर इंटरनेशनल एयरपोर्ट के निमार्ण में आयी 260 करोड़ की
लागत
कुशीनगर अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे का निर्माण 260 करोड़ रुपए
की अनुमानित लागत से किया गया है। यह घरेलू और अंतरराष्ट्रीय तीर्थयात्रियों को भगवान बुद्ध के महापरिनिर्वाण स्थल पर जाने की सुविधा प्रदान करेगा। यह हवाई अड्डा विश्वभर के बौद्ध तीर्थस्थलों को जोड़ने का एक प्रयास है। यह उत्तर प्रदेश और बिहार के आस-पास के जिलों को हवाई यात्रा की सुविधा प्रदान करेगा। हवाईअड्डे का निर्माण इस क्षेत्र में निवेश और रोजगार के अवसरों को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम सिद्ध होगा।