पूर्व क्रिकेटर नवजोत सिंह सिद्धू ने पत्नी डॉ. नवजोत कौर के कैंसर का उपचार आयुर्वेदिक तरीके से करने के दावे पर यू-टर्न ले लिया है। अब उन्होंने कहा है कि डॉक्टरों का इलाज सर्वोपरि है। रविवार को नवजोत सिद्धू अपनी पत्नी को अमृतसर में आउटिंग कराने के लिए लेकर गए। इसे लेकर उन्होंने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर वीडियो पोस्ट की।
हालांकि सिद्धू ने यह भी कहा कि इलाज के साथ क्या करना है, वह सब मैं बताऊंगा। इसके कोई पैसे नहीं लूंगा। इससे पहले 21 नवंबर को नवजोत सिद्धू ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर दावा किया था कि पत्नी की डाइट में बदलाव कर उन्होंने कैंसर स्टेज-4 से जंग जीती है। सिद्धू ने कहा कि पत्नी का ऑपरेशन हुआ तो उसके जख्म भर नहीं रहे थे। मगर इस डाइट से 40 दिन में अपने आप को रिकवर कर लिया। जब कुछ नहीं था तो सिर्फ आयुर्वेद था।
सिद्धू की वीडियो के बाद विवाद हो गया और टाटा मेमोरियल अस्पताल के डॉक्टरों ने इसका खंडन किया। डॉक्टरों ने कहा था कि सिद्धू की बताई कुछ चीजों पर रिसर्च चल रही है, लेकिन इनसे ठीक हो जाने का दावा सही नहीं है। लोगों को कैंसर जैसे लक्षण होने पर तुरंत अस्पताल में जांच करानी चाहिए।
सिद्धू के दावे के बाद टाटा मेमोरियल अस्पताल ने जारी की एडवाइजरी नवजोत सिद्धू के दावे के बाद टाटा मेमोरियल अस्पताल को इस प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद एक एडवाइजरी जारी करनी पड़ी। उन्होंने नवजोत सिंह सिद्धू के दावों को खारिज किया। इस एडवाइजरी को टाटा मेमोरियल अस्पताल के डॉयरेक्टर डॉ. सीएस परमेश ने खुद अपने सोशल मीडिया पर शेयर किया।
इस एडवाइजरी में लिखा- सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें एक पूर्व क्रिकेटर ने अपनी पत्नी के ब्रेस्ट कैंसर के इलाज के बारे में जानकारी दी है। इस वीडियो में कहा गया है कि डेयरी उत्पाद और चीनी छोड़ने, हल्दी और नीम का सेवन करने से उनकी पत्नी का कैंसर ठीक हो गया।
इन दावों के लिए कोई ठोस वैज्ञानिक प्रमाण नहीं हैं। हल्दी, नीम, या अन्य घरेलू उपायों के कैंसर के इलाज में इस्तेमाल पर स्टडी जारी है। हालांकि इनसे कैंसर ठीक होने का कोई क्लिनिकल डेटा उपलब्ध नहीं है।
हम जनता से अपील करते हैं कि इन असत्यापित घरेलू उपचारों का पालन करने से पहले सही चिकित्सा सलाह लें। किसी भी कैंसर के लक्षण दिखने पर, योग्य डॉक्टर या कैंसर विशेषज्ञ से संपर्क करें। कैंसर का इलाज प्रारंभिक अवस्था में पता लगने और प्रमाणित पद्धतियों (सर्जरी, कीमोथैरेपी, और रेडिएशन) के माध्यम से संभव है।
दिल्ली स्टेट कैंसर इंस्टीट्यूट ने भी खारिज किया दावा दिल्ली स्टेट कैंसर इंस्टीट्यूट में क्लिनिकल ऑन्कोलॉजी विभाग की मुखी डॉ. प्रज्ञा शुक्ला ने भी नवजोत सिंह सिद्धू के दावे को खारिज किया। उन्होंने कहा कि ब्रेस्ट कैंसर कई तरह का होता है और इसके इलाज भी अलग होते हैं। खानपान से 40 दिन में कैंसर क्योर करना, यह पॉसिबल नहीं है।
खानपान की अहमियत इलाज के दौरान है, ताकि मरीज को कमजोरी न आए। हल्दी से शरीर में सूजन कम होती है, लेकिन कैंसर से इसका इलाज नहीं हो सकता। इसलिए जो यह भ्रम फैला रहे हैं, वे गलत हैं।