बिलासपुर । फेसबुक लाईव कार्यक्रम में पूर्व मंत्री एवं भाजपा नेता अमर अग्रवाल ने विगत दिनों नई दिल्ली में उद्घाटित प्रधानमंत्री संग्रहालय को अतीत की बुनियाद पर भविष्य की उम्मीदें लिए भारत विकास यात्रा की नई पहचान बताया। यह म्यूजियम हमारे सभी प्रधानमंत्रियों के योगदान को प्रदर्शित करेगा।
जिसका उद्देश्य युवा पीढ़ी को सभी भारतीय प्रधानमंत्रियों के नेतृत्व, दूरदर्शिता और उपलब्धियों के बारे में संवेदनशील और प्रेरित करना है। उन्होंने कहा देश में आजादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत ’’किसान भागीदारी प्राथमिकता हमारी’’ अभियान के अंतर्गत किसान साथियों को वैज्ञानिक तरीके से प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने एवं किसान से संबंधित योजनाओं हेतु देश भर के कृषि विज्ञान केन्द्रों में प्रशिक्षण दिया जा रहा है। 1 करोड़ 73 लाख से ज्यादा किसान राष्ट्रीय कृषि बाजार ई नाम आनलाईन पोर्टल में पंजीयन करा चुके हैं। प्रधानमंत्री कृषक सम्मान योजना के तहत हर वर्ष 6 हजार रूपये का वित्तीय लाभ 11.30 करोड़ से अधिक परिवारों को प्राप्त हुआ है।
श्री अग्रवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को प्रथम दीनानाथ लता मंगेस्कर सम्मान हेतु चयनित होने पर हार्दिक शुभकामनाएं दी। श्री अग्रवाल ने केन्द्रिय मंत्री नितिन गडकरी जी के द्वारा छ.ग. के 33 राष्ट्रीय राजमार्गों के विकास के लिए 9 हजार 2 सौ 60 करोड़ की सौगात को अभूतपूर्व बताया। श्री गडकरी द्वारा परिवहन की सुविधाओं के आधुनिकिकरण की दृष्टि से छ.ग. में रायपुर से दुर्ग के बीच राज्य सरकार द्वारा बिजली की दरों में कटौती किये जाने पर ट्राम सुविधा आरंभ करने की घोषणा की पर राज्य सरकार चुप्पी साधे हुए है।
श्री अग्रवाल ने प्रदेश सरकार को आड़े हाथों लेते हुए डेमोक्रेसी के बजाय लूटोक्रेसी की सरकार बताया। उन्होंने कहा प्रदेश की आकांक्षी जिलों में केन्द्र सरकार के द्वारा अभूतपूर्व विकास कार्य कराये जा रहे हैं, किन्तु राज्य सरकार सरकारी संघवाद के ढांचे पर प्रश्न चिन्ह खड़ा करने का काम करती है। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के अंतर्गत गरीबों को प्राप्त मुफ्त राशन योजना के संचालन में घालमेल किया जा रहा है।
चार वर्षों की खुली लूट में छ.ग. को कर्ज में डुबाने के बाद हेलिकाप्टर पॉलिटिक्स से जमीन तलाशने का नया दौर शुरू हो रहा है। जिसका लक्ष्य जनता की भलाई और विकास के बजाय दिखावे बाजी और मैदानी अम्ले को हलाकान करना मात्र है।
श्री अग्रवाल ने कहा अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को कुचलने के लिए हड़ताल धरना प्रदर्शन को राज्य सरकार द्वारा बैन किया जा रहा है। लेकिन खुद कांग्रेस और उसके नुमांइदे आये दिन केंन्द्र सरकार विरोधी तम्बू किराये में लेकर धरना प्रदर्शन को अपना लोकतांत्रिक हक बताते हैं। छ.ग. की कांग्रेस सरकार गांधी परिवार की राजनीतिक विस्तार के लिए सिंगल विण्डो सिस्टम की तरह कार्य कर रही है।
पूर्व मंत्री अमर अग्रवाल ने कहा राज्य में भर्ती के तंत्र विफल हो चुके हैं। सत्ता के संरक्षण में पीएससी एवं व्यापम की कार्यप्रणाली की गड़बड़ी एवं भर्ती में भ्रष्टाचार जग जाहिर है। छ.ग. देश का पहला ऐसा राज्य है जहां दिन रात मेहनत करके डिप्टी कलेक्टर और डीएसपी से विभिन्न पदों पर चयनित होने वाले युवाओं के वेतन में 3 साल तक वेतन में कटौती की जा रही है।
उन्होंने कहा आज प्रदेश का युवा पूछ रहा है कोरोना काल के नाम पर देश के एकमात्र राज्य छ.ग. में अघोसित टेक्स की वसूली कब बंद होगी? एवं अकारण परिवीक्षा अवधि बढ़ा कर दो से तीन वर्ष किये जाने का फैसला छ.ग. के युवाओं के साथ खुला खिलवाड़ है। उन्होंने कहा ओल्ड पेंशन के लालीपॉप के बजाय भूपेश सरकार को केन्द्र व अन्य राज्यों के समान 4 लाख शासकिय कर्मचारी के परिवारों को 34 प्रतिशत मंहगाई भत्ते का भुगतान तत्काल करना चाहिए।
श्री अग्रवाल ने बिलासपुर के कानून व्यवस्था के बिगड़ते हालात पर चिन्ता जाहिर करते हुए कहा कि ऐसा लगता है मानों शांतिप्रिय शहर को सुनियोजित तरीके से भांति भांति के माफियाओं के हवाले किया जा रहा है। अराजकता फैलाने वाले लोगों पर पुलिस और प्रशासन का कोई खौफ नहीं रह गया है। 3 वर्षों में ही सरकार का सच सामने आ चुका है। सरेआम लूट डकैती हो जाती हैं.आम नागरिक खुद को असुरक्षित मह्सुश करने लगा है।
जमीनों की अफरातफरी खुलेआम चल रही है,कोई भी किसी की जमीन पर कब्जा कर लेता है, जमीन मालिक अपनी सम्पति को ताकते रह जाता है,रजिस्टी की कॉपी में सफेदा लगाकर जमीन मालिकों को ठगने का खेल हो रहा है। विकास कार्य ठप्प हो गये है, नयी योजनाओं को आरंभ करना तो दूर बिजली, पानी और सड़क सहित मूलभूत आवश्यकताओं निर्बाध आपूर्ति में स्थानीय प्रशासन लाचार नजर आता है।
स्मार्ट सिटी के फंड का दुरूपयोग किया जा रहा है। 15 वर्षों के भारतीय जनता पार्टी के कार्यकाल के दौरान नगरीय प्रशासन मंत्री रहते हुए शहरी क्षेत्रों के अधोसंरचना विकास के लिए करोड़ों रूपये की राशि उपलब्ध करायी जाती थी। बिलासपुर में बड़े कार्यों को छोड़कर 100 करोड़ रूप्ये प्रतिवर्ष राज्य सरकार द्वारा दिया जाता था। कांग्रेस सरकार ने तीन वर्षों में बिलासपुर के विकास के लिए 25 करोड़ रूपयों का फंड दिया है, जिससे मरम्मत का कार्य भी पूरा नहीं हो पा रहा है।