राजनांदगांव । कलेक्टर अग्रवाल जिले में चले रहे पोट्ठ लईका पहल अभियान के अंतर्गत पालक चौपाल कार्यक्रम में छुरिया विकासखंड के ग्राम लालुटोला एवं पिनकापार आंगनबाड़ी केन्द्र पहुंचे। कलेक्टर अग्रवाल ने कहा कि जिले में कुपोषण मुक्ति के लिए पोट्ठ लईका पहल विशेष अभियान चलाया जा रहा है। कम वजन वाले बच्चों के वजन में वृद्धि कर सुपोषण की श्रेणी में लाने के लिए शिशुवती माताओं एवं गर्भवती महिलाओं को जागरूक किया जा रहा है। बच्चों के वजन में वृद्धि करने और सुपोषण की श्रेणी में लाने के लिए पोट्ठ लईका पहल अभियान अंतर्गत पालक चौपाल का प्रत्येक शुक्रवार को आयोजित किया जा रहा है। कलेक्टर अग्रवाल ने पालक चौपाल में कुपोषित बच्चों के पालकों को स्वास्थ्य एवं पोषण के प्रति जागरूक किया। कलेक्टर ने पालक चौपाल में गर्भवती खिलेश्वरी कंवर की गोदभराई की और नगमा की बालिका होमायरा का अन्नप्राशन किया। इस अवसर पर उन्होंने सुपोषित बच्चों की माताओं को श्रीफल देकर सम्मानित किया। उन्होंने बच्चों को आंगनबाड़ी केन्द्र एवं स्कूल नियमित भेजने के लिए कहा।
कलेक्टर अग्रवाल ने पोट्ठ लईका पहल अंतर्गत पालक चौपाल में बच्चों के पालकों को बहुत ही सरल तरीके से अपने बच्चे को अच्छे खान-पान से बच्चों का वजन बढ़ाने के संबंध में जानकारी दी। इसके साथ ही स्वच्छता रखने के तरीके भी बताए। उन्होंने बच्चों के साथ-साथ शिशुवती माताओं, गर्भवती महिलाओं एवं किशोरी बालिकाओं को भी पौष्टिक भोजन और स्वच्छता रखने के तरीके बताएं। उन्होंने कहा कि कुपोषित बच्चों को सुपोषण की श्रेणी में लाने के लिए उचित खान-पान की जरूरत होती है। बच्चों को प्रोटीन, विटामिन, आयरन से भरपूर खाद्यान्न सामग्री सेवन कराना चाहिए। उन्होंने बच्चों को सुपोषण की श्रेणी में लाने के लिए पालकों को तरीके बताए। उन्होंने पालकों से कहा कि हमारे आसपास बहुत सारी खाद्य सामग्री होती है, जो बहुत पौष्टिक और प्रोटीन युक्त होता है, जिसका सेवन अवश्य करना चाहिए। बच्चों को हरी सब्जी, दाल, भाजी, पपीता, केला जैसी खाद्य वस्तुओं को अच्छी मात्रा में खिलाना चाहिए। उन्होंने कहा कि बच्चों में खाने के लिए आदत डालना है। उन्होंने बच्चों के साथ गर्भवती महिलाओं एवं शिशुवती माताओं को पौष्टिक आहार सेवन करने की सलाह दी, जिससे उनका स्वास्थ्य अच्छा रहे। उन्होंने कहा कि बच्चों को थोड़ा-थोड़ा भोजन 4 से 5 बार देना चाहिए। बच्चों को अंकुरित चना, मूंग, दलिया खिलाना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमारे घर के आस-पास सभी खाद्य वस्तुएं मिल जाती हैं, इसका सेवन अवश्य कराना चाहिए। उन्होंने बच्चों को तिरंगा भोजन देने कहा जिससे उन्हें पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन, ऊर्जा, विटामिन मिल सके।
पोट्ठ लईका पहल अभियान के अंतर्गत पालक चौपाल में पहुंची पुष्पलता सेन ने बताया कि उनका बालक 2 वर्ष 10 माह का है। इसका वजन अभी 14.5 किलो ग्राम है। पुष्पलता सेन ने बताया कि अपने बच्चे को हर दिन रेडी-टू-ईट से नये-नये व्यंजन बनाकर खिलाती है और स्वच्छता पर विशेष ध्यान रखते हुए पौष्टिक भोजन प्रतिदिन 4 से 5 बार खिलाती है। उन्होंने बताया कि सुबह नाश्ते में मौसमी फल खिलाती है। इस दौरान सरंपच महेश कुमार चंद्रवंशी, कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास गुरूप्रीत कौर, सीडीपीओ कमलावती मरकाम, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका एवं ग्रामीणजन उपस्थित थे।