नई दिल्ली : अंतरराष्ट्रीय सहकारी गठबंधन के 130 साल के लंबे इतिहास में पहली बार इफको की पहल पर भारत द्वारा आईसीए महासभा और वैश्विक सहकारिता सम्मेलन की मेजबानी की जाएगी। आईसीए निदेशक मंडल की 28 जून 2023 को ब्रुसेल्स में आयोजित बैठक के दौरान इफको ने आईसीए महासभा और वैश्विक सम्मेलन की मेजबानी भारत में करने का प्रस्ताव रखा था जिसे निदेशक मंडल के सदस्यों ने सहर्ष मंजूर कर लिया। इसके पश्चात संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया कि भारत में वैश्विक सहकारिता सम्मेलन के दौरान संयुक्त राष्ट्र अंतरराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष 2025 का आधिकारिक शुभारंभ भी होगा। सहकारिता मंत्री, भारत सरकार, अमित शाह की गरिमामयी उपस्थिति में 25 नवंबर 2024 को कार्यक्रम का शुभारंभ होगा। वे मुख्य अतिथि के रूप में वैश्विक सहकारिता सम्मेलन के उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता करेंगे। इस कार्यक्रम में अंतरराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष 2025 पर एक स्मारक डाक टिकट भी जारी किया जाएगा। भारत के माननीय प्रधानमंत्री से इस कार्यक्रम के विधिवत उद्घाटन के लिए अनुरोध किया गया है।
जेरोन डगलस, महानिदेशक-आईसीए ने बताया है कि 25 से 30 नवंबर 2024 तक भारत मंडपम, आईटीपीओ, प्रगति मैदान, नई दिल्ली में आयोजित इस कार्यक्रम का विषय होगा -'सहकारिता : सबकी समृद्धि का द्वार' और इसके उप-विषय होंगे: * नीति और उद्यमशील पारिस्थितिकी तंत्र को सक्षम बनाना * सभी के लिए समृद्धि बनाने के लिए उद्देश्यपूर्ण नेतृत्व को पोषित करना * सहकारी पहचान की पुनः पुष्टि * भविष्य का निर्माण: 21वीं सदी में सबके लिए समृद्धि। जेरोन डगलस ने जोर देकर कहा कि "इफको आईसीए का प्रमुख साझेदार है और इस आयोजन की मेजबानी कर रहा है। वर्ल्ड कोऑपरेटिव मॉनिटर रैंकिंग (टर्नओवर/जीडीपी प्रति व्यक्ति के आधार पर) में लगातार तीन वर्षों तक वह पहले स्थान पर रहा है।"
उन्होंने बताया कि इस सम्मेलन मेंभूटान के माननीय प्रधानमंत्री, संयुक्त राष्ट्र आर्थिक परिषद (UN ECOSOC) के अध्यक्ष, अंतरराष्ट्रीय सहकारी गठबंधन के अध्यक्ष, संयुक्त राष्ट्र के प्रतिनिधि, आईसीए के सदस्य, भारतीय सहकारिता आंदोलन से जुड़े प्रमुख व्यक्तियों तथा 100 से अधिक देशों के प्रतिनिधि के रूप में लगभग 1500 विशिष्ट अतिथियों के भाग लेने की उम्मीद है।
डॉ. आशीष कुमार भुटानी, सचिव, सहकारिता मंत्रालय ने बताया कि इस कार्यक्रम का विषय 'सहकारिता : सबकी समृद्धि का द्वार' भारत सरकार के 'सहकार से समृद्धि' के नारे के अनुरूप है, जिसका अर्थ है 'सहकारिता के माध्यम से समृद्धि'। सहकारिता मंत्रालय के गठन के पश्चात श्री अमित शाह के नेतृत्व में सहकारी आंदोलन के सशक्तिकरण हेतु 54 नई पहल शुरू की गई है जो भारतीय सहकारी क्षेत्र के विकास में मील का पत्थर सिद्ध होंगे। चाहे पैक्स का कंप्यूटरीकरण हो या ऐसे नए क्षेत्रों में सहकारी समितियों का गठन जहाँ राष्ट्रीय स्तर पर कोई सहकारी प्रतिनिधित्व नहीं था, इन कदमों से भारत वैश्विक सहकारिता आंदोलन में सर्वाधिक तेजी से बढ़ रहे देशों की कतार में शामिल हो गया है।
इफको के प्रबंध निदेशक डॉ. उदय शंकर अवस्थी ने कहा कि “इस सम्मेलन का विषय 'सहकारिता : सबकी समृद्धि का द्वार' है जो समृद्ध और सुरक्षित सहकारिता आंदोलन के हमारे दीर्घकालिक लक्ष्य के क़रीब है। हमें अपने घर में उन अंतरराष्ट्रीय प्रतिनिधियों की मेजबानी करने का सम्मान प्राप्त हो रहा है जो विचारों का जीवंत आदान-प्रदान करेंगे।”
इफको ने हमेशा भारतीय किसानों के हित को केंद्र में रखा है, इसी कारण से इस सम्मेलन का उपयोग भारतीय सहकारी उत्पादों और सेवाओं को 'हाट' सेटअप में प्रदर्शित करने के लिए किया जाएगा, जिसका थीम भारतीय गांव होगा।
भारतीय सहकारी आंदोलन हमेशा से पर्यावरण की सुरक्षा के लिए सांस्कृतिक रूप से प्रेरित रहा है। इफको की सहायक कंपनी आईएफएफडीसी पिछले वर्षों में कार्बन क्रेडिट अर्जित करने वालों में अग्रणी रही है। भारतीय सहकारी आंदोलन की इस विरासत को जारी रखते हुए यह आयोजन कार्बन न्यूट्रल होगा। संभावित कार्बन उत्सर्जन की भरपाई के लिए 10,000 पीपल (फिकस रेलीजियोसा) के पौधे लगाए जाएंगे।