तेल अवीव: गाजा पट्टी में चल रही लड़ाई में इजरायल की सेना दो बार हमास कमांडर याह्या सिनवार को पकड़ने के एकदम करीब पहुंच गई थी। आईडीएफ सैनिक हाल के दिनों में दो बार गाजा में उस सुरंगों तक पहुंचने में कामयाब रहे हैं, जहां उनको हमास नेता याह्या सिनवार के होने की खबर मिली थी। दोनों ही बार याह्या सैनिकों के पहुंचने से ठीक पहले निकलने में कामयाब रहा। आईडीएफ लगातार याह्या की तलाश में जुटी है, इस दौरान जुटाई गई खुफिया जानकारी से उसे पता चला है कि वह लंबे समय तक किसी एक स्थान पर रहने के बजाय एक से दूसरे स्थान पर आगे बढ़ रहा है।
हिब्रू मीडिया आउटलेट्स ने मंगलवार को सूत्रों के हवालें से बताया कि आईडीएफ ने सिनवार को पकड़ने के लिए मुख्य रूप से दक्षिणी गाजा के शहर खान यूनिस और उसके आसपास अपनी गतिविधियों पर ध्यान केंद्रित किया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि इजरायल के साथ लड़ाई शुरू होने के बाद लोगों के काफिले में छिपकर सिनवार दक्षिण की तरफ आ गया और फिलहाल खान यूनिस में छिपा हुआ है। सिनवार की खोज के दौरान सैनिकों ने हमास के सैन्य विंग के कमांडर मुहम्मद दीफ के एक ठिकाने का भी पता चलने की बात कही गई है।
6 दिसंबर को अपने घर में था सिनवार?
रिपोर्ट के मुताबिक, आईडीएफ को 6 दिसंबर को सिनवार के उसके खान यूनिस के घर में होने की सूचना मिली थी। आईडीएफ ने तलाशी ली तो वह वहां नहीं मिला। आईडीएफ का मानना है कि वह कुछ समय पहले ही वहां से निकला था। आईडीएफ का मानना है कि वह सिनवार के काफी करीब थी। हालांकि उसे सिनवार को पकड़ने में कामयाबी नहीं मिली, जबकि सिनवार के गाजा में होने की बात एक इजरायली बंधक ने भी कही थी। जिससे वह सुरंग में मिला था।
याह्या सिनवार 2017 से गाजा में हमास का चीफ है। 2017 में उसे इस्माइल हानिया की जगह चुना गया था। याह्या सिनवार का इजरायल के साथ एक अलग रिश्ता रहा है। सिनवार को 1989 में दो इजरायली सैनिकों और चार फिलिस्तीनियों के अपहरण और हत्या की योजना बनाने के लिए इजरायल में चार आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी। वह 22 साल इजरायल की जेल में रहा है। 22 साल बाद उसे आईडीएफ सैनिक गिलाद शालित की रिहाई के बदले में इजरायल ने रिहा कर दिया गया था। इजरायल का कहना है कि 7 अक्टूबर के हमले के पीछे याह्या ही मास्टर माइंड है। ऐसे में इजरायल उसे हर हाल में पकड़ने की बात कह रहा है।