नई दिल्ली : मई में, कनाडा के इमिग्रेशन मिनिस्टर मार्क मिलर ने दावा किया था कि ओटावा स्टूडेंट वीजा पर देश में एंट्री करने वाले लोगों के रिकॉर्ड की गहन जांच करता है। मिलर भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर के एक बयान पर प्रतिक्रिया दे रहे थे कि कनाडा ने नई दिल्ली के अनुरोध पर कुछ नहीं किया है। जयशंकर ने कहा था कि ऐसे लोगों को वीजा, वैधता या राजनीतिक स्थान न दिया जाए, जो हमारे संबंधों के लिए समस्याएं पैदा कर रहे हैं।जयशंकर की टिप्पणी कनाडा के अधिकारियों की तरफ से पिछले साल जून में खालिस्तान अलगाववादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के आरोप में तीन भारतीय नागरिकों पर आरोप लगाए जाने के बाद आई थी। संदिग्धों की पहचान करण बरार (22), कमलप्रीत सिंह (22) और करणप्रीत सिंह (28) के रूप में हुई थी। बताया गया कि तीनों स्टूडेंट वीजा पर कनाडा में दाखिल हुए थे। बेशक, इस समय भारत यह दावा करने के लिए उत्सुक था कि निज्जर की हत्या एक आपराधिक गिरोह की प्रतिद्वंद्विता का नतीजा थी और कनाडा भारतीय नॉन स्टेट एक्टर्स पर दोष मढ़ना चाहता था।
हालांकि, पीछे मुड़कर देखने पर, मार्क का खंडन सटीक नहीं लगता है क्योंकि प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की लिबरल पार्टी के एक कनाडाई सीनेटर के अनुसार, विदेशी नागरिक अपने देश से 'पुलिस सर्टिफिकेशन' के बिना आसानी से स्टूडेंट वीजा प्राप्त कर सकते हैं। खुफिया सूचनाओं का हवाला देते हुए मीडिया रिपोर्टों से पता चलता है कि लॉरेंस बिश्नोई गिरोह के सदस्य गोल्डी बरार सहित पंजाब के आठ अपराधी और गैंगस्टर हाल के वर्षों में स्टूडेंट वीजा पर कनाडा में दाखिल हुए हैं।
कनाडा के नियम क्या कहते हैं
कनाडा के इमिग्रेशन मानदंडों के अनुसार, स्थायी निवास, नागरिकता या वर्किंग हॉलिडे वीज़ा के लिए आवेदन करने वाले लोगों के लिए उनके होम कंट्री से पुलिस सर्टिफिकेट अनिवार्य है। इस नियम का उद्देश्य कनाडाई अधिकारियों को आवेदक के मूल देश में संभावित आपराधिक इतिहास के बारे में पहले से चेतावनी देना है।
लेकिन कनाडाई मीडिया आउटलेट CBC न्यूज़ की एक रिपोर्ट के अनुसार, किसी अंतर्राष्ट्रीय छात्र को प्रवेश देने का निर्णय लेते समय कनाडाई आव्रजन अधिकारियों के पास पुलिस की तरफ से तैयार किए गए दस्तावेजों तक पहुच होना आवश्यक नहीं है। इमिग्रेशन, रिफ्यूजीज एंड सिटिजनशिप कनाडा (IRCC) के एक प्रवक्ता ने CBC न्यूज को बताया कि सभी अधिकारी रॉयल कैनेडियन माउंटेड पुलिस जैसे कानून प्रवर्तन भागीदारों के साथ मिलकर 'पूरी दुनिया से आने वाले आवेदनों' की स्क्रीनिंग करते हैं ताकि कनाडाई लोगों के लिए खतरा पैदा करने वाले लोगों की पहचान करने में मदद करने के लिए एक व्यापक सुरक्षा जांच की जा सके।
प्रवक्ता ने कहा, हालांकि, छात्रों के मामले में, ऐसी जांच प्रक्रिया में आपराधिक इतिहास की जांच शामिल हो सकती है, या उन्हें फिंगरप्रिंट और फोटो जैसे बायोमेट्रिक्स जमा करने के लिए कहा जा सकता है।प्रिंस एडवर्ड आइलैंड के सीनेटर पर्सी डाउन के अनुसार, जो पहले लिबरल प्रधानमंत्री जीन क्रेटियन के चीफ ऑफ स्टाफ के रूप में काम कर चुके हैं, यह पर्याप्त नहीं है। उन्होंने नियमों में बदलाव की मांग करते हुए कहा कि सभी अंतरराष्ट्रीय छात्रों को पुलिस प्रमाणपत्र प्रदान करना आवश्यक होना चाहिए ताकि कनाडा अनजाने में आपराधिक अतीत वाले किसी व्यक्ति को प्रवेश देने से बच सके।
कनाडा की इकोनॉमी में योगदान
द ग्लोब एंड मेल की रिपोर्ट के अनुसार कनाडा बॉर्डर सर्विसेज एजेंसी ने पिछले साल देश में प्रवेश पाने के लिए फर्जी कॉलेज स्वीकृति पत्रों का इस्तेमाल करने वाले कम से कम 300 'अंतरराष्ट्री छात्रों' की जांच की। इनमें से 10 लोग कनाडा में आपराधिक गतिविधियों में शामिल पाए गए। कनाडा के ढीले स्टूडेंट वीजा नियमों के पीछे एक संभावित कारण यह है कि अंतरराष्ट्रीय छात्र देश के सकल घरेलू उत्पाद में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं। भारतीय छात्र, जो कनाडा में अंतर्राष्ट्रीय छात्रों का 40% हिस्सा हैं, सालाना इसकी अर्थव्यवस्था में $16.3 खरब का योगदान करते हैं।