बिलासपुर । वैश्विक महामारी कोविड-19 के कारण पूरे विश्व में सामाजिक, आर्थिक एवं सामान्य जनजीवन प्रभावित हुआ है । कोविड-19 संकट और इससे जुड़े लॉकडाऊन ने आमतौर पर बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित किया है।
एक सर्वेक्षण के अनुसार दुनिया के 98त्न बच्चे आंशिक या पूर्ण लॉकडाऊन के कारण प्रतिबंध में रहे हैं। लगभग 187 देशों में स्कूल बंद होने के कारण 1.5 बिलियन बच्चे स्कूल से बाहर रहे हैं। यह उन बच्चों के लिए दुखद रहा है जो समाज के गरीब वर्ग से ताल्लुक रखते हैं , क्योंकि उनका दैनिक भोजन स्कूल के भोजन कार्यक्रमों पर निर्भर करता है।
तालाबंदी से बच्चों में कुपोषण भी बढी है। इस महामारी ने बच्चों की सामान्य गतिविधियों को पूरी तरह से बदल दिया है। उनके स्कूल बंद थे, उनकी शिक्षा ऑनलाईन हो गई थी, उनके साथियों के साथ उनकी बातचीत बहुत सीमित हो गई थी।
इसके अलावा ऐसे भी अनेक बच्चे हैं जिनके माता या पिता में एक या दोनों की या उनके रिश्तेदारों या उनकी देखभाल करने वालों की मृत्यु हुई है। इन सभी कारणों से बच्चों की मानसिक स्थिति प्रभावित हुई है। क्योंकि इससे बच्चे भावनात्मक माहौल से वंचित हो गये हैं, जो उनके सामान्य वृद्धि और विकास के लिए महत्वपूर्ण है।