नई दिल्ली । संयुक्त राष्ट्र महासभा यूएनजीए के वार्षिक सत्र में पाकिस्तान के नेताओं को करारा जवाब देने की भारत की महिला राजनयिकों की परंपरा को प्रथम सचिव स्नेहा दूबे ने शनिवार को भी जारी रखा। अपने संबोधन के दौरान उन्होंने कश्मीर का मुद्दा उठाने को लेकर महासभा में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान को तीखा जवाब दिया। इतना ही नहीं, कश्मीर का राग अलापने वाले इमरान खान को मुंहतोड़ जवाब देते हुए, दुनिया के सामने पाक के सारे पाप गिना दिए। आइए जानते हैं कि कब-कब भारत की किस महिला राजनयिकों ने यूएन में पाक की पोल खोली।
भारत की राजनायिक एनम गंभीर ने यूएन महासभा में पाकिस्तान के उस वक्त के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को करारा जवाब दिया था। शरीफ के भाषण के बाद एनम ने कहा कि आतंकवाद को बढ़ावा देना पाकिस्तान की पुरानी नीति है। ये कितनी अजीब बात है कि आतंकवाद को बढ़ावा देने वाला देश मानवाधिकारों की बात करते है। संयुक्त राष्ट्र में इमरान खान ने भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निजी हमला किया और भारत पर कई आरोप लगाए थे। इसके जवाब में आईएफएस विदिशा मैत्रा ने कहा कि इमरान खान संयुक्त राष्ट्र के मंच का गलत इस्तेमाल कर रहे हैं और उनका भाषण नफरत से भरा है। उनका आतंकवाद को पाल रहा है जो पूरी दुनिया के लिए बड़ा खतरा है।
1. पाकिस्तान को खुले तौर पर आतंकवादियों का समर्थन करने और उन्हें हथियार देने के लिए विश्व स्तर पर चिह्नित किया गया है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रतिबंधित आतंकवादियों को पनाह देने का अपमानजनक रिकॉर्ड भी पाकिस्तान के ही खाते में हैं।
2. पाकिस्तान पीठ पीछे आतंकवादियों को इस उम्मीद में पालता है कि वे केवल अपने पड़ोसियों को नुकसान पहुंचाए। ओसामा बिन-लादेन को पाकिस्तान में पनाह मिली। आज भी पाकिस्तान सरकार उसे 'शहीद' के
रूप में महिमामंडित करती है।
3. हम सुनते रहते हैं कि पाकिस्तान ‘आतंकवाद
का शिकार’ है। यह
एक ऐसा देश है जो आग ख़ुद लगाता है लेकिन ख़ुद को अग्निशामक के रूप में प्रस्तुत करता है।
4. जम्मू- कश्मीर और
लद्दाख भारत का अभिन्न और अविभाज्य हिस्सा थे हैं और हमेशा रहेंगे।
5. पाकिस्तान के लिए बहुलतावाद को समझना बहुत मुश्किल है क्योंकि अपने मुल्क में वो अल्पसंख्यकों को उच्च पदों से दूर रखता है