यहां शुरु हो गई प्रोसेस
राज्य की तीनों डिस्ट्रिब्यूशन कंपनियां मध्य, पूर्व और पश्चिम इस तकनीक का इस्तेमाल करेंगी। केंद्रीय डिस्कॉम के तहत आने वाले भोपाल और ग्वालियर के पॉश इलाकों में सत्यापन की प्रक्रिया शुरू हो गई है। अटल ज्योति के लाभार्थियों की पहचान के लिए जियो-टैगिंग तीनों डिस्कॉम के परिचालन क्षेत्रों के विभिन्न शहरों, कस्बों और गांवों में कई उपभोक्ता ऐसे हैं, जिनके पास काफी अचल संपत्ति है, लेकिन फिर भी वे अटल ज्योति योजना के तहत लाभ उठा रहे हैं।
करोड़पति भी उठा रहे अवैध फायदा
सूत्रों ने बताया कि ये उपभोक्ता अपने परिसर में कई बिजली कनेक्शन लेकर योजना का लाभ उठा रहे हैं। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि तीनों डिस्कॉम ने अपने बिलिंग सिस्टम का डेटा मध्य प्रदेश राज्य इलेक्ट्रॉनिक्स विकास निगम लिमिटेड (एमपीएसईडीसी) को उपलब्ध करा दिया है। नगर निगमों और नगर पालिकाओं के समन्वय से संपत्ति का डेटा भी एमपीएसईडीसी को दे दिया गया है। एमपीएसईडीसी जियो-टैगिंग के जरिए बिजली उपभोक्ताओं की जानकारी निकालकर डिस्कॉम को उपलब्ध कराएगा। इससे ऐसे उपभोक्ताओं की पहचान करने में मदद मिलेगी, जिनके पास बड़ा भू-भाग और उच्च मूल्य की संपत्ति है, लेकिन वे अटल ज्योति योजना के तहत सब्सिडी प्राप्त कर रहे हैं।
ऐसे निकलेगा डेटा
इस जानकारी के आधार पर डिस्कॉम ऐसे परिसरों की पहचान करने की कार्रवाई की योजना बनाएंगे। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि एमपीएसईडीसी के एमपी जियो पोर्टल का उपयोग करके कलेक्टर गाइडलाइन रजिस्ट्री पर कमांड देकर डेटा निकाला जाएगा और उन उपभोक्ताओं की जानकारी प्राप्त की जाएगी, जिनकी मासिक बिजली खपत 150 यूनिट तक है।