नयी दिल्ली: देश के लोगों, कारोबारियों और सरकार ने जो सहन शक्ति प्रदर्शित की है, उसे देखते हुए उद्योग जगत के नेताओं का मानना है कि भारत अर्थव्यवस्था के विभिन्न संकटों, महामारी और चक्रवाती तूफान की चुनौतियों का मजबूती से सामना करते हुए उभरेगा।
'नयी सामान्य स्थितिः कारोबार और अर्थव्यवस्था पर कोविड 19 का प्रभाव' विषय पर सीआईआई दिल्ली के एक वेबिनार में मौजूदा कोविड-19 और आर्थिक नरमी के बीच सकारात्मक रूख और आशा की किरण दिखाई दी। इस वेबिनार के पैनल में सीआईआई दिल्ली के चेयरमैन और Apeejay Stya and Svran Group के सह-प्रवर्तक श्री आदित्य बरलिया, सेललर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सीओएआई) के महानिदेशक श्री राजन एस. मैथ्यूज, टेक महिन्द्रा के प्रमुख (APAC बिजनेस) और कॉरपोरेट मामलों के अध्यक्ष श्री सुजित बक्शी, आईबीएम इंडिया/दक्षिण एशिया के उपाध्यक्ष (बिक्री) श्री प्रतिव महापात्र और चिंटेल्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के प्रबंध निदेशक और क्रेडाई एनसीआर के कोषाध्यक्ष श्री प्रशांत सोलोमन शामिल थे।
सभी प्रतिभागी एक बात को लेकर एकमत थे कि दूरसंचार और सूचना प्रौद्योगिकी लोगों के जीवन और अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए सबसे महत्वपूर्ण क्षेत्र हैं। सभी उद्योग के वक्ताओं ने यह बात रेखांकित की कि भारत के पास इस कठिन स्थिति से उबरने की क्षमता और दूरदृष्टि है और यह मजबूती के साथ उभरेगा। यदि सही दिशा में कदम उठाए जाएं तो अर्थव्यवस्था में अगले छह से नौ महीने में परिणाम दिखना शुरू हो सकता है। कारोबारी नेताओं ने भारतीय अर्थव्यवस्था के समक्ष पैदा हुई चुनौतियों पर अपने विचार रखे और बताया कि उनके क्षेत्र जमीनी स्तर पर किन चीजों का अनुभव कर रहे हैं। इस संकट को कम से कम करने के लिए पैनल के लोगों ने भागीदारों और सरकार को अपने सुझाव दिए
इस वेबिनार को संबोधित करते हुए
सीआईआई दिल्ली के चेयरमैन और Apeejay Stya and Svran Group के सह प्रवर्तक श्री आदित्य बरलिया ने कहा, "हम अर्थव्यवस्था के 5 से 15 प्रतिशत के संकुचन के दौर में प्रवेश कर रहे हैं जो उद्योग और आर्थिक संकट पर निर्भर करेगा। भारत के लिए यह अनूठा और अधिक दूरगामी प्रभाव वाला होगा क्योंकि दशकों में हमें ऐसी चीज का अनुभव नहीं हुआ है। सीआईआई इस संकट को लेकर तत्काल प्रतिक्रिया दी और इस संकट के दौरान मदद कर रहा है, लेकिन हमें पता है कि इससे अधिक चीजें की जा सकती हैं और ये की जाएंगीसरकार ने जो कदम उठाए हैं, वे मध्यम अवधि के लिए शानदार हैं, लेकिन हमें कुछ ऐसी चीजों की जरूरत है जिससे कारोबारियों को अगले सप्ताह में मदद मिल सके न कि छह महीने में। हमारा मानना है कि इस साल के अंतिम छह महीनों में कोविड-19 से जुड़े आर्थिक मुद्दे हल किए जाने शुरू होंगे और तब हमें चीजें आगे बढ़ती हुई दिखेंगी।”
सीओएआई के महानिदेशक श्री राजन मैथ्यूज ने कहा, “पिछले कुछ महीने आपात स्थितियों के रहे जिसमें कोविड संकट के बीच चक्रवाती तूफान एम्फन और मुश्किल घड़ी में हमें डाल दिया और इस चरण के दौरान हर कोई इस तथ्य को लेकर सचेत हुआ कि नेटवर्क के बगैर चीजें ठहर जाएंगी। और इस नयी सामान्य स्थिति को देखते हुए हमें तैयारी करनी होगी और दूरसंचार उद्योग आगे चलकर एक महत्वपूर्ण भूमिका अदा करेगा। इस स्थिति ने हमारे समक्ष कुछ नया करने और ऐसे महत्वपूर्ण देसी समाधान तैयार करने जो वैश्विक स्तर पर ले जाया जा सके, का अवसर दिया है। हमारे उद्योग ने अप्रत्याशित वित्तीय संकट का सामना किया और साथ ही हमें हमारे आधारभूत ढांचे में निवेश की जरूरत है ताकि हम उभरती चुनौतियों का सामना करने के लिए भविष्य में तैयार रह सके।”
आईबीएम इंडिया दक्षिण एशिया के उपाध्यक्ष (बिक्री) श्री प्रतिव महापात्र ने कहा, "मैं इसे ग्रेट लॉकडाउन कहता हूं और एक व्यक्ति, संगठन और समाज के तौर पर हम इससे कैसे उबरकर एक नयी सामान्य स्थिति में लौटेंगे। इस स्थिति में नेतृत्व, निर्णय क्षमता, संवेदना और टीम की भावना से कार्य अधिक महत्वपूर्ण होगा। इस महामारी में दूरसंचार उद्योग नर्वस सिस्टम के तौर पर और आईटी क्षेत्र रक्त के तौर पर उभरा है। इस कंपनी द्वारा त्वरित कार्रवाई और अस्थायी व्यवस्था भविष्य में स्थायी हो जाएंगे। इस महामारी ने कारोबारी निरंतरता नियोजन का महत्व प्रदर्शित किया है और साथ ही कारोबारियों के लिए कुशल होना आवश्यक है। किस तरह से लोग और कंपनियां आमने सामने से लेकर स्क्रीन टु स्क्रीन संचार को अपनाते हैं, यह आगे चलकर उनकी सफलता तय करेगा।”
टेक महिन्द्रा के प्रमुख (APAC कारोबार) और अध्यक्ष (कॉरपोरेट मामलात) श्री सुजित बक्शी ने कहा, “कोविड-19 के बीच दुनिया ने डिजिटल व्यवस्था की ओर अपने कारोबार का रूख कर इस नयी सामान्य स्थिति को अपनाया हैइस अर्थव्यवस्था की रीढ़ के तौर पर आईटी ने इस संकट से मुकाबला किया क्योंकि यह उद्योग तैयार था और डिजिटलीकरण की दिशा में काम कर रहा था। आज हमारे कार्यबल का 93 से 94 प्रतिशत घर से काम कर रहा है। इसे हम हमारे उद्योग के लिए एक अवसर के तौर पर देखते हैं जहां काम करने का तरीका बदल गया है और दूरसंचार क्षेत्र के साथ अधिक जुड़ाव हो गया है जोकि एक बार फिर से जीवनरेखा के तौर पर उभरा है। मुझे विश्वास है कि आईटी उद्योग इस वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में फिर से तेजी के दौर में लौटेगा।"
चिंटेल्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के प्रबंध निदेशक और क्रेडाई एनसीआर के कोषाध्यक्ष श्री प्रशांत सोलोमन ने कहा, “रीयल एस्टेट क्षेत्र भारत में रोजगार देने वाला दूसरा सबसे बड़ा क्षेत्र है और इस लॉकडाउन ने श्रमोन्मुखी इस क्षेत्र पर व्यापक असर डाला है। इस क्षेत्र को उबारने में मदद के लिए नकदी प्रवाह बढ़ाने और ऋणों का एकमुश्त पुनर्गठन करने जैसी मजबूत सरकारी पहल के साथ परिचालन संबंधी लचीलापन उपलब्ध कराने की जरूरत है। क्रेडाई ने हाल ही में प्रधानमंत्री के नाम लिखे एक खुले पत्र में इन जरूरतों का उल्लेख किया है और हमें सरकार से सहयोग मिलने की उम्मीद है। नयी सामान्य स्थिति में हमारा अनुमान है कि सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन करने के उद्देश्य से कुछ समय के लिए श्रम पर निर्भरता कम रहेगी। सभी रिहाइशी और वाणिज्यिक क्षेत्रों में परियोजनाओं पर पैनी नजर रखने की जरूरत है। कोविड 19 संकट से उद्योग के कामकाज के तरीके में भारी बदलाव आया है और उम्मीद है कि नए नियमों से अधिक मजबूत और भविष्य को ध्यान में रखकर मॉडल लाया जा सकेगा।"