नवाजुद्दीन सिद्दीकी की बेहतरीन एक्टिंग से हर कोई वाकिफ है। वो जो भी किरदार करते हैं, उसमें जान फूंक देते हैं, लेकिन उन्हें इस बात का अफसोस है कि एक फिल्म में उन्होंने अपना बेस्ट नहीं दिया और फीस भी ले ली। ये फिल्म कोई और नहीं, बल्कि रजनीकांत की 'पेट्टा' मूवी है, जिससे नवाजुद्दीन ने साल 2019 में तमिल फिल्मों में डेब्यू किया। आइये जानते हैं कि उन्हें इस बात का अफसोस क्यों है।
'पेट्टा' के सेट पर अपने समय को याद करते हुए Nawazuddin Siddiqui ने गैलाटा प्लस को बताया, 'जब मैंने रजनी सर के साथ 'पेट्टा' किया, तो फिल्म की शूटिंग खत्म करने के बाद मैं बहुत गिल्ट महसूस कर रहा था, क्योंकि मुझे लगा कि मैं उस चीज के लिए पैसे ले रहा हूं, जिसके लिए मुझे कोई आइडिया नहीं है कि मैंने क्या कर रहा था।'
'मैंने प्रोडक्शन टीम को धोखा दिया'
49 साल के एक्टर ने अपनी फीलिंग्स के बारे में डिटेल में बताया कि उन्होंने प्रोडक्शन टीम को धोखा दिया। वो बोले, 'ऐसा लगा में बेवकूफ बनाके आया (मुझे लगा कि मैंने उन्हें बेवकूफ बना दिया) क्योंकि मुझे संकेत मिल रहे थे और मैं उस पर लिप-सिंक कर रहा था। मुझे समझ नहीं आया वहां बहुत सारी चीजें हैं।'
'आप खुद से करते हैं सवाल'
इसके अलावा नवाजुद्दीन ने कहा, 'इसके बाद भी अगर इसकी सराहना की जाती है तो आपको छिपने का मन करात है और जब आपको इसके लिए पैसे मिलते हैं तो आप खुद से पूछते हैं कि क्या आप धोखाधड़ी कर रहे हैं।'
'सैंधव' के लिए उठाया ये कदम
यही वजह है कि नवाजुद्दीन ने वेंकटेश स्टारर अपनी पहली तेलुगू मूवी 'सैंधव' के लिए बड़ा कदम उठाया। उन्होंने कहा, 'यही कारण है कि 'सैंधव' में मैंने सबकुछ किया। मैंने अपनी डबिंग खुद की और मैं जिस डायलॉग की शूटिंग कर रहा था, उसका अर्थ समझ गया। इसलिए मेरी गिल्टी थोड़ी कम हो गई।'