कोरबा नीति आयोग द्वारा जारी आकांक्षी जिलों की डेल्टा रैंकिंग में कोरबा जिला पिछले माह की तुलना में 14 पायदानों से आगे हुआ है। जिले में शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि आदि क्षेत्रों में हो रहे विकास कार्यो के कारण दिसंबर माह में कोरबा जिला 56वें पायदान पर आ गया हैं। पिछले माह कोरबा जिले की रैंकिंग 70वीं थी। बेसिक इन्फ्रास्ट्रक्चर मानक में जिले को सर्वाधिक 21 पायदानों का फायदा हुआ हैं। इस इंडिकेटर में कोरबा 75वें से 54वें रैंक पर आ गया है। कोरोना संक्रमण काल के बावजूद जिले को स्वास्थ्य व पोषण में 7, कृषि व सिंचाई में 10 एवं फाइनेंशियल इन्क्लूजन में 9 पायदानों का फायदा हुआ हैं। जिला प्रशासन द्वारा जिले में लगातार मूलभूत सूविधाएं विकसित की जा रही हैं। विकास कार्याे में प्रगति के कारण फाइनेंशियल इंक्लूजन एवं युवाओं के कौशल विकास में लगातार सुधार हो रहा हैं
जिला सांख्यिकी अधिकारी एम.एस. कंवर ने बताया कि जिले में आधारभूत अधोसंरचना के अंतर्गत सड़क निर्माण, घरेलू बिजली कनेक्शन, ग्राम पंचायतो में इंटरनेट कनेक्शन, शौचालय निर्माण, पक्के घर निर्माण एव पंचायत स्तर पर लोक सेवा केंद्रों के स्थापना से 21 पायदानों का फायदा हुआ हैं। कृषि एवं जल स्त्रोत क्षेत्र में भी जिला में बेहतर काम हुआ है, इस कारण 10 पायदान का उछाल मिला है। इस क्षेत्र में सूक्ष्म-सिंचाई योजना, मनरेगा के तहत जल स्त्रोतों का विकास, फसलों के बीमा, किसानों को प्रमाणित बीजों का वितरण एवं किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड के वितरण से जिले की रैंकिंग बेहतर हुई हैं। साथ ही पशुओं के टीकाकरण, आत्मा योजनांतर्गत धान फसल में साइड और स्थानीय विधि से वर्मी कम्पोस्ट का उपयोग, महिला समूहों द्वारा गोधन न्याय योजना अंतर्गत वर्मी खाद के निर्माण से भी इस क्षेत्र में जिले का बेहतर प्रदर्शन रहा हैं।
स्वास्थ्य एवं पोषण क्षेत्र में भी जिले में सभी बेहतर सुविधाएं विकसित की जा रही है। लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए 4 जगहों पर हेल्थ कैंप का आयोजन किया जा चुका हैं। इसके माध्यम से 10 हजार से अधिक ग्रामीण स्वास्थ्य लाभ ले चुके हैं। दूरस्थ क्षेत्र के लोगों के स्वास्थ्य जांच और इलाज के लिए जिला प्रशासन के इस प्रयास से लोगों को फायदा हो रहा है। कैंप में 966 लोगों को बेहतर इलाज के लिए बड़े अस्पतालों में रिफर भी किया जा चुका हैं। इसी प्रकार महिलाओं-बच्चों के पोषण स्तर को बेहतर रखने के लिए महिलाओं-बच्चों को आंगनबाड़ी केंद्रों से जोड़कर उन्हें पौष्टिक सूखा राशन, गर्म पका भोजन, पौष्टिक लड्डू, चिक्की, अण्डा आदि भी दिया जा रहा हैं। इस योजना से जिले के 69 हजार से अधिक महिलाएं एवं बच्चें लाभांवित हो रहे हैं।
शिक्षा के क्षेत्र में भी जिले में माडर्न आंगनबाड़ी, स्वामी आत्मानंद इंग्लिश स्कूल, स्मार्ट क्लासेस, पढ़ाई तुहर द्वार आदि के माध्यम से बेहतर कार्य किये जा रहे हैं। जिले के 659 स्कूल स्मार्ट क्लासेस से जुड़ चुके हैं। जिले में 24 वोकेशनल स्कूल स्थापित किए गए हैं। इनमें बच्चों को पढाई के साथ-साथ आईटी, हेल्थकेयर, कृषि, आटोमोबाईल आदि की कौशल ट्रेनिंग भी दी जाती है। इन स्कूलों के माध्यम से 1560 विद्यार्थी लाभांवित हो चुके हैं। जिले के विद्यार्थियों के स्किल डेवलपमेंट के लिए भी जिला प्रशासन द्वारा अभिनव पहल किया गया हैं। 5 हायर सेकेण्डरी स्कूलों के 100 बच्चों को आईटीआई से संबंध कर उन्हें कौशल प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इसके अंतर्गत स्कूली बच्चे कोपा, डीजल मैकेनिक, वेल्डर, हेल्थकेयर आदि क्षेत्रों में कौशल प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं।