साउथ सिनेमा से हिंदी इंडस्ट्री में काम करने वाले कलाकारों में प्रियामणि का नाम भी शुमार है। चेन्नई एक्सप्रेस और जवान के बाद प्रियामणि आर्टिकल 370 में नजर आईं। हाल ही में हुई एक खास बातचीत में उन्होंने फिल्म में काम करने का अनुभव शेयर किया…
आपका किरदार फिल्म में क्या है, कैसे ये फिल्म आपको अप्रोच हुई?
फिल्म में जो किरदार मैं प्ले कर रही हूं, उसका नाम है राजेश्वरी स्वामीनाथन। वह PMO में एक ब्यूरोक्रेट है। इसके लिए मुझे आदित्य धर ने खुद अप्रोच किया था। उन्होंने मुझे कहा कि हम इसमें आपको कास्ट करना चाहते हैं। आप इसमें यामी गौतम के साथ स्क्रीन स्पेस शेयर करेंगी। उन्होंने कहा कि हम एक बेहतरीन कलाकार, एक सही कास्टिंग फिल्म में चाहते हैं। उनका ये कहना मेरे लिए एक वैलिडेशन की तरह था। यह सुनते ही मैं फिल्म करने को राजी हो गई और बोर्ड पर आ गई।
क्या इस फिल्म को करने से पहले आपने कोई खास डिमांड भी की अपने रोल को लेकर?
मेरे ख्याल से मैं सही पर्सन नहीं हूं जो डिमांड करे किसी भी रोल के लिए, बल्कि मैंने ऐसा आज तक कभी किया भी नहीं हैं। जैसा कि उन्होंने मुझे इस किरदार के बारे में बताया। उससे मैं काफी खुश और संतुष्ट थी।
फिल्म करने से पहले आर्टिकल 370 को लेकर आप कितनी अवेयर थीं?
सच बताऊं तो मैं इसके बारे में जानती थी पर इतनी गहराई और गंभीरता का अंदाज़ा नहीं था। शटिंग के दौरान मैं इसके बारे में काफी कुछ जाना समझा। यह मेरे लिए एक लर्निंग एक्सपीरिएंस रहा। जब यह आर्टिकल सामने आया था तब एक आम इंसान की तरह ही मैंने इसे वैसे ही लिया कि ठीक है कोई आर्टिकल है जो सरकार द्वारा हटाया गया है पर मैं इसकी गहराई से वाकिफ नहीं थी। मुझे आशा है कि देश को लोग इस बात को फिल्म के जरिए जानेंगे और समझेंगे कि भारत में क्या हुआ, कैसे हुआ, देश किन परिस्थितियों से गुजरा। यह मिशन कितना सफल रहा। जब तक यह सीक्रेट मिशन था( लोगों को इसके बारे में पता नहीं चला। खुशी है कि फिल्म जरिए यह चर्चा का विषय बना।
क्या इस किरदार को प्ले करने के लिए किसी से इंस्पिरेशन भी ली आपने?
नहीं मैंने इस किरदार को निभाने के लिए किसी से इंस्पिरेशन नहीं ली। मैंने बस जो महसूस किया कहानी को पढ़ने और अपने किरदार के बॉडी लैंग्वेज के बारे में जानने के बाद तो मैं उसी फ्लो के साथ गई। मैंने बस निर्देशक के विजन को समझा, उस चीज को फाइंड आउट किया कि निर्देशक क्या चाहता है। मेरे ख्याल से हम सभी अपने किरदारों को लेकर बहुत श्योर थे कि हम क्या प्ले कर रहे हैं और हमें क्या नरेशन मिली है। हालांकि, इसके किरदार जरूर रियल पर्सन से इंस्पायर थे।
राजेश्वरी स्वामीनाथन के किरदार की सबसे यूनीक और स्ट्रेंथ क्या लगी?
सबसे यूनीक चीज कहूं तो यही है कि राजेश्वरी PMO में काम करती हैं। एक ब्यूरोक्रेट हैं। जब उन्हें गृह मंत्री और प्रधानमंत्री की अनुमति मिलती है कि इस स्थिति का किसी राजनीतिक तरीके से समाधान किया जाए, तो वह खुद पर जिम्मेदारी लेती हैं क्योंकि फिल्म में दो कथाएं चल रही हैं, एक जमीनी तौर पर जिसमें NIA, CRPF शामिल हैं और दूसरी राजनीतिक दृष्टिकोण से, जिसे मैं अपनाती हूं। मुझे पता चला कि जो कुछ भी यामी के किरदार द्वारा कहा और किया गया है, वह बहुत प्रतिरोधी, मजबूत है, उसे पता है कि क्या दांव पर लगा है और वह इसे कैसे संभालती है और किस प्रकार से राजनीतिक दृष्टिकोण को सफल बनाने के लिए आगे बढ़ती है। इसमें यामी ने एक NIA एजेंट का किरदार निभाया है।
आर्टिकल 370 की शूटिंग के समय क्या कोई मुश्किल भी आई?
पर्सनली मुझे कोई कठिनाई नहीं हुई। बहुत ही स्मूथ शूटिंग शेड्यूल था। हां पर यह काफी निर्धारित और समय की पाबंदी वाला शूट था तो हमने जैसा प्लान किया था कि इसे तय समय पर पूरा करेंगे, हमने वैसा किया। हमने कोई आराम नहीं किया। ऐसा नहीं कह सकती कि हमें कोई बड़ी मुश्किल आई शूटिंग के दौरान। सब कुछ अच्छे से पूरा हुआ।
शूटिंग के समय का कोई सबसे अच्छा और यादगार वाक्या शेयर करेंगी?
पूरी फिल्म ही मेरे लिए बहुत यादगार अनुभव रही। बेस्ट पार्ट ये था कि मेरे यामी के साथ कई सीन्स हैं, PM के किरदार के साथ भी। मेरे हिस्से में मोनोलॉग भी थे कुछ। ये सभी डायलॉग सही समय और सही जगह पर थे, जिन्होंने लोगों के दिलों को छुआ होगा।
यामी के साथ काम करने का अनुभव कैसा रहा?
यामी के साथ काम करने का अनुभव काफी अच्छा रहा। वह इस समय की सबसे बेहतरीन एक्ट्रेस में से एक हैं। वह जो भी किरदार प्ले करती हीं उसे बहुत ही ग्रेस के साथ प्ले करती हैं। वह अपने किरदार को बहुत रियल और रिलेटेबल बनाती हैं। मेरे उनके साथ इस फिल्म में जो सीन हैं वह बहुत अच्छे हैं। उनके साथ काम करके एक बेहतरीन समय बिताया। मैं उन्हें उनके नए मदरहुड फेज के लिए शुभकामनाएं देती हूं। उनके साथ दोबारा भी काम करना चाहूंगी और मैं उस वक्त का इंतजार भी करूंगी।
स्क्रिप्ट के चयन और किरदारों को लेकर क्या कोई पैरामीटर सेट किया है?
नहीं मैंने ऐसा कोई पैरामीटर सेट नहीं किया है। मैं बस स्क्रिप्ट देखती हूं और स्टोरी देखती हूं, मैं देखती हूं कि कहानी का पूरा सार क्या है। मेरे किरदार का कितना वजन है। अगर मैं सभी चीजों से कन्विंस होती हूं तो मैं उसे करती हूं।
अब तक के कॅरिअर में ऐसा क्या है जो एक्सप्लोर करना बाकी रहा गया हो बतौर एक्टर?
बतौर एक्टर जो कुछ भी एक्सप्लोर कर सकती हूं करना चाहती हूं। अगर किसी खास तरह के कैरेक्टर को प्ले करने की बात कहूं तो मैं फुल फ्लेज्ड निगेटिव रोल करना चाहूंगी या फिर फुल लेंथ कॉमेडी रोल। गोलमाल जैसी कोई फिल्म देखते हैं आगे क्या और कैसे मिलता है।
आगे आपके और कौन से प्रोजेक्ट्स हैं जो हिंदी बेल्ट से हैं?
इसके बाद मेरी फिल्म मैदान आनी है जो अजय देवगन सर के साथ है। जिसके निर्देशक अमित शर्मा है। द फैमिली मैन भी है। जिसका तीसरा सीजन जल्द ही शुरू होने वाला है।