भोपाल । भोपाल के नजदीक तीन इलाकों में घूम रहे तेंदुओं को तो वन विभाग का अमला खोज नहीं पाया है, अब बाघ ने भी दस्तक दे दी है। तेंदुए के बाद बाघ की मौजूदगी से नागरिक दहशत में है और वन विभाग की मुश्किलें भी बढ़ती जा रही है।
आमतौर पर भोपाल के नजदीक बाघ व तेंदुए का मूवमेंट नई बात नहीं है। वर्षों से इनका मूवमेंट रहा है। ये अपने ही इलाके में घूम रहे हैं, लेकिन जहां इनका मूवमेंट देखने में आया है, वहां तक बीते कुछ वर्षों में तेजी से इंसानी आबादी बस चुकी है। ऐसे में मानव बसाहट के नजदीक बाघ, तेंदुए का मूवमेंट चिंता में डाल रहा है। हालांकि अभी तक इन्होंने किसी को इंसान को नुकसान नहीं पहुंचाया है। हां, पालतू मवेशियों का शिकार जरूर करते रहे हैं।
रातापानी के जंगल से आया बाघ
भोपाल के नजदीक रसूलिया के जंगल में शुक्रवार सुबह भी बाघ का मूवमेंट मिला है। एक दिन पूर्व गुरुवार को बाघ ने इस क्षेत्र में एक मवेशी और एक घोड़ी का शिकार कर लिया था। बता दें कि जंगल में 18 से अधिक बाघों का मूवमेंट रहा है। ये बाघ रातापानी वन्यजीव अभयारण्य के जंगल से भोपाल के जंगल में आते-जाते रहते हैं। बाघों की मौजूदगी के बाद बीते कुछ वर्षों से तेंदुए की संख्या भी बढ़ गई है। इनकी अलग से गिनती तो नहीं होती है लेकिन जगह-जगह इनकी मौजूदगी बता रही है कि इनकी संख्या पूर्व की तुलना में बढ़ गई है।