भोपाल । नए साल में मकर संक्रांति का पर्व 15 जनवरी को परंपरागत उत्साह के साथ मनाया जाएगा। पंजाबी समाज के लोग लोहड़ी पर्व की तैयारियों में जुटे हैं। मलयाली समाज का मकर विल्लाकु पर्व का उत्साह 14 जनवरी को देखने को मिलेगा। वहीं मकर संक्रांति के बाद इस साल 86 दिन विवाह समारोह के शुभ मुहूर्त हैं। हालांकि कोरोना के कारण कम मेहमानों की मौजूदगी में विवाह होंगे। राजधानी के ज्योतिषाचार्य के अनुसार, 14 जनवरी की रात 8:39 बजे से सूर्य मकर राशि में प्रवेश करेगा, तब तक सूर्यास्त हो जाएगा। मकर संक्रांति का विशेष पुण्य काल अगले दिन पंद्रह जनवरी की दोपहर तक रहेगा।
इस कारण मकर संक्रांति 15 जनवरी को मनाई जाएगी। इस बार मकर संक्रांति की शुरुआत रोहिणी नक्षत्र में हो रही है। इसे शुभ नक्षत्र माना जाता है। कहते हैं कि इस नक्षत्र में स्नान दान और पूजन करना विशेष फलदायी होता है। साथ ही इस दिन ब्रह्म योग और आनंदादि योग का भी निर्माण हो रहा है। मलयाली समाज द्वारा मकर विल्लाकु पर्व 14 जनवरी को मनाया जाएगा। शिवाजी नगर स्थित अयप्पा मंदिर में सुबह से पूजन अर्चन का सिलसिला शुरु होगा। वहीं तमिल समाज द्वारा पोंगल पर्व पर खिचड़ी का विशेष प्रसाद वितरित किया जाएगा। पंजाबी समाज द्वारा लोहड़ी पर्व विशेष रुप से उनके घरों में मनाया जाता है, जिनके यहां शादियां हुई हो या लड़के का जन्म।
इसके अलावा अग्नि प्रज्जवलित कर उसमें रेवड़ी व तिल समर्पित करके सुख समृद्धि की कामना की जाती है। 13 जनवरी को लोहड़ी पर्व मनाया जाएगा। 14 जनवरी को भी आयोजन होंगे।ज्योतिषाचार्य के अनुसार, 16 दिसंबर से धनु के सूर्य होने के कारण खरमास लगने से विवाह नहीं हो रहे थे। नए साल में शादियों की शुरुआत 14 जनवरी मकर संक्रांति के बाद होगी। मार्च में गुरु अस्त व खरमास के कारण शादियां बंद रहेगी। देवशयनी एकादशी 10 जुलाई से देवउठनी एकादशी चार नवंबर तक चार माह के लिए फिर शादियां बंद हो जाएगी।