कर्ज के बोझ के बीच बड़ी राहत
10 अक्टूबर को केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने कहा था कि यह राशि आने वाले त्योहारों के मद्देनजर जारी की गई है। इससे राज्य पूंजीगत व्यय में तेजी ला सकेंगे। साथ ही अपने विकास और कल्याणकारी योजनाओं में खर्चों को भी पूरा कर सकेंगे। केंद्र की यह एडवांस किश्त राज्य सरकार को थोड़ी राहत देगी, जो भारी कर्ज के बोझ तले दबी है।
महीने की शुरूआत में 5000 करोड़ का कर्ज
सरकार ने इस महीने के अंत में 6,000 करोड़ रुपये का कर्ज लेने की योजना बनाई थी। लेकिन अब इसे टाल दिया गया है। राज्य ने इस महीने की शुरुआत में 5000 करोड़ रुपये का कर्ज लिया था।
ऊपर पहुंचा कर्ज का ग्राफ
31 मार्च 2024 तक एमपी सरकार का कुल कर्ज 3.75 लाख करोड़ रुपये के पार हो गया था। इस वित्तीय वर्ष में अब तक लिए गए नए कर्जों के साथ, कर्ज अब 3.95 लाख करोड़ रुपये हो गया है। अगस्त 2024 से राज्य सरकार ने कुल 20,000 करोड़ रुपये का कर्ज लिया है।
मोहन सरकार को विरासत में मिला 3.5 लाख करोड़ का कर्ज
पिछले साल नवंबर में हुए विधानसभा चुनावों के बाद बनी नई सरकार को 3.5 लाख करोड़ रुपये का कर्ज विरासत में मिला है। पिछले वित्तीय वर्ष में सरकार ने 42,500 करोड़ रुपये उधार लिए थे। इसमें से नई मोहन यादव सरकार का हिस्सा 17,500 करोड़ रुपये (41%) है, जो मार्च 2024 तक केवल तीन महीनों में उधार लिया गया था।