इस्लामाबाद: जेल में बंद पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने दावा किया है कि उनकी पत्नी बुशरा बीबी की हत्या की कोशिश हो रही है। इमरान ने मंगलवार को अदालत को कहा कि बुशरा को उनके घर बानी गाला में जहर दिया गया, बानी गाला को सब-जेल में बदल दिया गया है। रावलपिंडी की अडियाला जेल में बंद इमरान ने तोशाखाना केस की सुनवाई के दौरान ये बात कही। खान ने अदालत को बताया कि जहर दिए जाने के बाद बुशरा की जान बच गई लेकिन उनकी त्वचा और जीभ पर निशान थे। उन्होंने अदालत से घटना की जांच और बुशरा बीबी की पूरी मेडिकल जांच का आदेश देने की मांग की।
इमरान खान ने बुशरा की जान लेने की कोशिश का आरोप फौज पर लगाया है। खान ने कहा, "मैं जानता हूं कि इसके पीछे कौन है। अगर बुशरा को कुछ होता है तो इसकी पूरी जिम्मेदारी पाकिस्तान के आर्मी चीफ की होगी। खुफिया एजेंसी के सदस्य उनके बानी गाला निवास पर हर चीज को देख रहे थे। ऐसे में पाक आर्मी चीफ असीम मुनीर किसी भी अनहोनी के लिए जिम्मेदार होंगे।"
अपने अस्पताल में जांच की मांग
इमरान खान ने अदालत में इस बात पर जोर दिया कि बुशरा की मेडिकल रिपोर्ट में भी हेरफेर हो सकती है। ऐसे में उनकी जांच शौकत खानम मेमोरियल कैंसर हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर के डॉक्टर डॉक्टर असीम यूनुस से कराई जाए। इमरान की बात सुनने के बाद अदालत ने कहा कि वह बुशरा बीबी की मेडिकल जांच के लिए एक लिखित आवेदन प्रस्तुत करें। इसके बाद अदालत उसे देखते हुए आगे की कार्रवाई करेगी।इमरान खान की पार्टी पीटीआई के नेताओं ने इस साल फरवरी में भी बुशरा की जान को खतरा बताया था। पीटीआई महिला विंग की अध्यक्ष कंवल शौजाब ने कहा था कि बुशरा को हानिकारक और घटिया भोजन दिए जाने की वजह उन्हें गंभीर स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हो रही हैं। ऐसे में बानी गाला में नजरबंद बुशरा के जीवन और स्वास्थ्य को गंभीर खतरा है। पीटीआई के वकील नईम हैदर पंजुथा ने भी बुशरा को लगातार खराब क्वालिटी का भोजन दिए जाने का आरोप लगाया था।
अप्रैल 2022 में अविश्वास प्रस्ताव के माध्यम से सत्ता से बाहर होने के बाद से इमरान खान लगातार मुश्किलों का सामना कर रहे हैं। उनके खिलाफ कई मामले चल रहे हैं, जिसमें कई में उनको सजा का सामना करना पड़ा है। इमरान खान अडियाला जेल में बंद हैं। वहीं उनकी पत्नी को घर पर ही नजरबंद किया गया है। तोशाखाना केस में इमरान खान और बुशरा को 14 साल की सजा सुनाई गई थी। हालांकि फिलहाल इस सजा पर इस्लामाबाद हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है।