बिलासपुर । भूगोल वेत्ता प्राध्यापक डॉ. पीएल चन्द्राकर ने बताया कि विभिन्न शोध और अध्ययन से जानकारी सामने आयी है। छत्तीसगढ़ प्रदेश की सबसे ऊँची चोंटी गौरलाटा नहीं बल्कि नन्दीराज पर्वत है। नन्दीराज पर्वत बैलाडिला का भाग है। जबकि गौरलाटा बलरामपुर रामानुजगंज जिला में स्थित है।
छत्तीसगढ़ के भूगोल विषय पर व्याख्यान का आयोजन किया गया। व्याख्यान कार्यक्रम में एम.ए. भूगोल के द्वितीय सेमेस्टर के छात्रों ने शिरकत किया। इस दौरान छात्रों ने प्रमुख वक्ता और भूगोल वेत्ता डॉ. पीएल चन्द्राकर से सवाल जवाब भी किया। छत्तीसगढ़ का भौतिक विभाग एवं उच्चावच विषय पर यायोजित व्याख्यान कार्यक्रम में डॉ. पी.एल. चन्द्राकर ने छात्रों की जिज्ञासा को शांत किया।
इस दौरान डॉ. चन्द्रकार ने बताया कि प्राय: पुस्तकों मे छत्तीसगढ़ की सबसे उंची चोटी गौरलाटा को बताया गया है। गौरलाटा की उंचाई 1244 मीटर है। यह लहसुन पाट बलरामपुर रामानुजगंज जिला में स्थित है। लेकिन तमाम अध्ययन के बाद सर्वे ऑफ इंडिया देहरादुन भारत सरकार के प्रकाशित धरातल पत्रक और सेटेलाईट इमेजरी के अनुसार छत्तीसगढ़ की सबसे ऊंची चोटी गौरलाटा नहीं है। बल्कि दन्तेवाड़ा में प्रदेश की सबसे ऊंची चोटी स्थित है।
सर्वे ऑफ इण्डिया के अनुसार दन्तेवाड़ा जिला में स्थित बैलाडीला पर्वत का नंदीराज शिखर की ऊंचाई 1267 मीटर है। इसलिए रिपोर्ट के अनुसार छत्तीसगढ़ की सबसे उंची चोटी का ना्म गौरलाटा नहीं बल्कि नंदीराज शिखर बैलाडीला है।
डॉ. चन्द्राकर ने छात्रों को बताया कि छत्तीसगढ़ के मैकाल श्रेणी की सबसे उंची चोटी का नाम राजमेरगढ़ शिखर है। धरातल पत्रक एवं सेटेलाईट इमेजरी के अनुसार राजमेर गढ़ पर्वत की उंचाई 1131 मीटर है। यह स्थान जिला गौरेला पेण्ड्रा मरवाही स्थित मैकल पर्वत श्रेणी की सबसे उंची चोटी है, जबकी पुस्तकों में मैकल श्रेणी की सबसे उंची चोंटी बदरगढ़ चोंटी को बताया गया है।