इंदौर । ‘नर्मदा मैया इंदौर चलो’ आंदोलन सत्तर के दशक में चला था। 46 साल पहले नर्मदा का पानी इंदौर को मिलना शुरू हुआ था। जलूद से लेकर इंदौर तक की नर्मदा पाइप लाइन अब अंतिम सांसें गिन रही है। इसे पूरी तरह बदला जाना जरूरी है। नेमावर रोड चौराहे के पास नौलखा में लाइन फूट गई है।
इंदौर से नर्मदा की दूरी लगभग 70 किलोमीटर है। घाट सेक्शन में पाइप लाइन से पानी पम्पिंग कर इंदौर तक लाया जाता है। यह पाइप लाइन सत्तर के दशक में बनी थी। इसके लिए हृयूम पाइप बनाने की पूरी फैक्ट्री ही इंदौर में स्थापित करनी पड़ी थी। सीमेंट कांक्रीट व तारों के जाल पर बने ये पाइप अब नर्मदा की जलधारा का प्रेशर नहीं झेल पाते हैं और बार बार फूट जाते हैं।
आज भी नौलखा नेमावर रोड एरिया में नर्मदा की पाइप लाइन कमजोर होकर पानी के दबाव से फूट गई। नर्मदा योजना के अफसरों तक खबर पहंुचती इसके पहले हजारों गैलन पानी बर्बाद हो गया। नर्मदा की पाइप लाइनें सालभर में दर्जनों बार फूट जाती है। कभी शहर सीमा में तो कभी शहर से बाहर इनके फूटने या लीकेज होने से पानी बर्बाद होता रहता है।