साल 1993 में सुभाष घई की डायरेक्टेड फिल्म 'खलनायक' रिलीज हुई थी। इस सुपरडुपर हिट फिल्म ने संजय दत्त का करियर ऊंचाइयों पर पहुंचा दिया था। इसमें ही वो गाना था, 'चोली के पीछे क्या है', जो जो आज भी पॉप्युलर है। शादी हो या सगाई, ये डांस फ्लोर पर जरूर बजता है। भले इसे भद्दे गाने का टैग दिया गया हो। इसमें नीना गुप्ता नजर आई थीं। उन्होंने इस गाने को किया था लेकिन पहले करने से मना कर दिया था। इसका कारण अब 31 साल बाद जाकर बताया है। क्या कहा है, आइए जानते हैं।
नीना गुप्ता उस वक्त जानी-मानी अदाकारा थीं। उन्होंने कोमल नहाटा को दिए एक इंटरव्यू में फिल्म से उस गाने का जिक्र किया। बताया कि जह उन्हें डायरेक्टर सुभाष घई ने गाना सुनाया तो उन्होंने पहले ही इसे रिजेक्ट कर दिया था। वह ऐसा गाना नहीं करना चाहती थीं, जहां वह माधुरी के पीछे नजर आएं। क्योंकि वह खुद एक लीडिंग एक्ट्रेस थीं। नीना गुप्ता ने बताया कि उनका उस गाने में छोटा-सा रोल था। इसके बाद उन्होंने दोस्त सतीश कौशिक से कहलवाया कि वह जाकर डायरेक्टर से कह दें कि उन्हें इस गाने में दिलचस्पी नहीं है। इतना ही नहीं, वह गुस्सा भी गई थीं क्योंकि उन्हें ऐसा रोल ऑफर किया गया था। जबकि वह एक एक्ट्रेस थीं।
सुभाष घई ने नीना गुप्ता को समझाया
नीना गुप्ता ने कहा, 'मैंने इस गाने के लिए सतीश को मना करने के लिए कहा था। क्योंकि पहली बात मैं कोई डांसर नहीं। और दूसरी बात ये कि ये मेरा गाना नहीं। और न इसमें मेरा पूरा डांस है।' हालांकि बाद में सुभाष ने नीना को पर्सनली बुलाया और कहा कि उन्हें इस गाने को करने से कोई नुकसान नहीं होगा। फायदा ही होगा। क्योंकि से बहुत ही हिट होने वाला है। वह इसे कर लें। जिसके बाद नीना गुप्ता ने बात मानी और कर ली।
नीना गुप्ता ऐसे हुईं राजी और हिट हो गया गाना
नीना ने बताया कि उन्हें लगा कि इतना बड़ा डायरेक्टर अगर उनसे कुछ कह रहा है। इतना अनुभवी है। तो कर लेना चाहिए। वो बाद की बात होगी कि गाना चला या नहीं। और नहीं भी चलेगा तो उन्होंने कौन-सी इतनी बुरी एक्टिंग की है। जिससे उनको नुकसान होगा। जिसके बाद उन्होंने इस गाने को कर लिया। शुरू में जब उन्होंने इस गाने को सुना तो उन्हें अच्छा लगा। पता नहीं था कि ये इतना बड़ा हिट हो जाएगा।