कोरबा जनपद पंचायत में पिछले कई महिनों से चली आ रही उठा-पटक के बीच आखिरकार अंदरूनी कलह सतह पर उभर ही गई। जनपद पंचायत की उपाध्यक्ष के कामकाज के तरीकों और पुत्र के द्वारा की जा रही दखल अंदाजी एवं मनमानी चलाने के आरोप लगाते हुए उपाध्यक्ष श्रीमती कौशिल्या वैष्णव के विरूद्ध अविश्वास प्रस्ताव लाया गया है। अविश्वास प्र्रस्ताव की सूचना विहित अधिकारी कलेक्टर को भी प्रेषित कर दी गई है। हालांकि यह अविश्वास प्रस्ताव की सूचना 28 सितंबर 2021 को कलेक्टर को दी गई है किंतु जिला पंचायत सीईओ के नहीं होने के कारण व अन्य अपरिहार्य कारणों से अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान व अन्य प्रक्रियाओं की तिथि घोषित नहीं हो पाई है। इस अविश्वास प्रस्ताव के बाद से जनपद के गलियारे में राजनैतिक सरगर्मी बढ़ी हुई है। पंचायत क्षेत्रों में जाकर जन प्रतिनिधियों पर शासकीय राशि का गबन करने का आरोप लगाकर जेल भिजवाने की धमकी देने सहित अन्य तरह के आरोप लगाते हुए एवं उनके सभी कार्यों में पुत्र आशुतोष वैष्णव की दखल तथा जनपद सदस्यों का अपमान को लेकर अविश्वास प्रस्ताव लाया गया। आरोप लगाया गया हैं की है कि जनपद उपाध्यक्ष की अनियमितता के कारण क्षेत्रों के पात्र हितग्राहियों को योजनाओं का लाभ भी नहीं मिल पा रहा है।
अध्यक्ष श्रीमती हरेश कंवर सहित जनपद सदस्य जगलाल राठिया, दिगपाल सिंह कंवर, महेत्तरीन बाई मंझवार, पूरन सिंह मंझवार, नंदकुमार कंवर, अशोका बाई पनिका, मथुरा राठिया, गुलशन कुमार, संतोष कुमार लकड़ा, रासकुमारी, रविशंकर राठिया, सावित्री बाई राठिया, अंशुराम महिलांगे, सावित्री बाई, शिव कुमार कर्ष, जमुना बाई यादव, अनिता रात्रे, नरेन्द्र कुमार पटेल ने इस अविश्वास प्रस्ताव में हस्ताक्षर किए हैं। इस अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान आदि की तिथि अभी घोषित नहीं हुई है। इस बीच जनपद पंचायत में सामान्य सभा की बैठक हुई जिसमें सभी एजेंडे तो पास कर दिए गए लेकिन जनपद विकास निधि के आबंटन पर रार मच गई। जनपद सूत्रों के मुताबिक उपाध्यक्ष कौशल्या देवी वैष्णव का कहना था कि सभी सदस्यों को बराबर-बराबर हिस्सा दिया जाना चाहिए लेकिन जनपद अध्यक्ष हरेश कंवर का कहना था कि जनपद विकास निधि की राशि मैं किसी सदस्य को नहीं दूंगी। इस तरह से जनपद अध्यक्ष के द्वारा अकेले जनपद विकास निधि का पैसा खर्च करने की बात पर जनपद सदस्यों ने आपत्ति जताई।