भोपाल । जिले में कोरोना के मरीज भले ही फिर से बढऩे लगे हों, लेकिन डेंगू के मोर्चे पर राहत है। 10 दिसंबर के बाद से भोपाल में डेंगू का एक भी मरीज नहीं मिला है। हालांकि इस साल अब तक जिले में डेंगू मरीजों का आंकड़ा 760 तक पहुंच चुका है। नवंबर के आखिरी हफ्ते से ही भोपाल में डेंगू मरीजों की संख्या कम होने लगी थी। दिसंबर में भी कम मरीज मिले।
स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट के अनुसार 23 नवंबर को भोपाल में डेंगू के मरीजों की संख्या 727 थी। यानी इसके बाद सिर्फ 33 मरीज ही मिले। जिला मलेरिया अधिकारी अखिलेश दुबे ने बताया कि हर साल ठंड बढऩे के बाद मरीज कम हो जाते हैं। इस साल भी वही स्थिति रही। प्रदेश के अन्य जिलों में भी डेंगू का प्रकोप थम चुका है। दूसरी बात यह कि लार्वा सर्वे और मच्छरों को मारने के लिए लगातार धुआं किया गया, जिससे मरीजों की संख्या कम हुई। उन्होंने बताया कि अभी भी 34 टीमें लार्वा सर्वे में लगी हुई हैं। हर दिन तीन से चार फीसद घरों में डेंगू का लार्वा मिल रहा है।
डेंगू से सबसे ज्यादा प्रभावित लालघाटी, साकेत नगर, निजामुद्दीन कालोनी, कोलार, नेहरू नगर में लार्वा सर्वे पर ज्यादा ध्यान दिया जा रहा है। इसका मकसद यह कि इन इलाकों में अगले साल डेंगू का संक्रमण नहीं आने पाए। जिला मलेरिया अधिकारी ने बताया कि डेंगू फैलाने वाले एडीज मच्छर का अंडा एक साल तक जीवित रहता है। जैसे वह पानी के संपर्क में आता है, उससे मच्छर पैदा हो जाता है। डेंगू के अलावा चिकनगुनिया के मरीज भी अब नहीं आ रहे हैं। इस साल भोपाल में अब तक चिकनगुनिया के 140 मरीज मिले हैं।