भोपाल । मप्र में जनसुविधाओं के मददेनजर जननी एक्सप्रेस एवं 108 एंबुलेंस की संख्या में बढोत्तरी होने जा रही है। प्रसूताओं को अस्पताल पहुंचाने और घर छोड़ने के लिए चलने वाले जननी एक्सप्रेस वाहनों की संख्या भी 840 से बढ़कर 1050 हो जाएगी। इसका फायदा यह होगा कि लोगों को वाहन के लिए इंतजार नहीं करना पड़ेगा। वहीं अब 108 एंबुलेंस की संख्या 606 से बढकर 1002 एंबुलेंस हो जाएंगी।
पांच साल पहले जेडएचएल कंपनी को इन वाहनों के संचालन की जिम्मेदारी दी गई थी। तब से लेकर आज तक वाहनों की संख्या नहीं बढ़ाई गई है, जबकि जरूरतमंदों की संख्या बढ़ी है। इस कारण वाहन व्यस्त होने की स्थिति में लोगों को तुरंत सेवा नहीं मिल पाती थी। इसके लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन ने हाल ही में निविदा के तहत नई कंपनी का चयन किया है। छत्तीसगढ़ की जय अंबे एजेंसी सर्विस कंपनी को यह काम मिला है। शुक्रवार को खोली गई वित्तीय निविदा में सबसे कम खर्च पर वाहनों के संचालन के लिए तैयार होने की वजह से इस कंपनी को काम सौंपा गया है। अधिक से अधिक दो महीने के भीतर कंपनी को काम संभालने के लिए कहा गया है।
हालांकि, कंपनी चाहे तो इसके पहले भी काम शुरू कर सकती है। जय अंबे कंपनी खुद के वाहन लगाएगी। इन वाहनों के संचालन के बदले में कंपनी को राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की तरफ से 220 करोड़ रुपए हर साल भुगतान किया जाएगा। अभी मौजूदा वाहन सरकार की तरफ से ही उपलब्ध कराए जाते थे। इनके संचालन की जिम्मेदारी जेड एच एल कंपनी की होती थी। संचालन के लिए करीब 300 करोड़ रुपए हर साल जेडएचएल कंपनी को भुगतान किए जा रहे थे। अब कंपनी खुद अपना वाहन लगाएगी। वाहनों की संख्या भी बढ़ेगी। संचालन का खर्च हर साल करीब 80 करोड़ रुपए कम हो जाएगा। जय अंबे को छह साल के लिए वाहनों के संचालन की जिम्मेदारी दी गई है।
अभी जरूरतमंद द्वारा फोन करने के 20 मिनट बाद एंबुलेंस पहुंचने की शर्त है, लेकिन हकीकत में एंबुलेंस पहुंचने का औसत समय 23 मिनट है। नई कंपनी को 16 मिनट के भीतर जरूरतमंद तक एंबुलेंस पहुंचाने की शर्त दी गई है। सभी वाहन नए होने की स्थिति में इस शर्त को पूरा कर पाना भी आसान होगा। इसी तरह से जननी एक्सप्रेस के पहुंचने का समय 30 मिनट से कम होकर 25 मिनट हो जाएगा। एंबुलेंस बुलाने के लिए पता बताने की जरूरत नहीं होगी। फोन करने वाले की मोबाइल लोकेशन से पता चल जाएगा की मरीज कहां पर है। मोबाइल ऐप के जरिए भी एंबुलेंस और जननी एक्सप्रेस वाहन बुलाए जा सकेंगे।