शक्ति वाहिनी कार्यकर्ताओं का दावा है कि मानव तस्करी कई वर्षों से चल रही है, लेकिन अब इसका इस्तेमाल करने के लिए सोशल मीडिया का इस्तेमाल किया जा रहा है। बता दें कि आमतौर पर छत्तीसगढ़, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल और असम से बहुत सी महिलाओं और लड़कियों को राजधानी में तस्करी की जाती है। कुछ को ईंट भट्टों या अन्य निर्माण गतिविधियों में काम करने जैसे तुच्छ कार्यों के लिए तस्करी की जाती है। कई को वेश्यावृत्ति में धकेल दिया जाता है।