अम्बिकापुर । कलेक्टर विलास भोसकर के मार्गदर्शन में मंगलवार को सरगुजा जिले के 237 संकुलों में मेगा पालक-शिक्षक बैठक का आयोजन किया गया। संकुल स्तर पर संपन्न हुई इस मेगा पालक-शिक्षक बैठक की अध्यक्षता संबंधित संकुल के संकुल प्राचार्यों द्वारा की गई। बैठक की मॉनिटरिंग के लिए 237 जिला स्तर के अधिकारियों की ड्यूटी लगाई गई थी, जिसके परिपालन में अधिकारी पालक-शिक्षक मेगा बैठक के सफल क्रिन्यावयन एवं पालकों तथा शिक्षकों को प्रेरित करने के लिए बैठक में शामिल हुए और पालकों को बच्चों की शिक्षा के प्रति जागरूक होने के लिए प्रेरित किया।
इसी क्रम में कलेक्टर भोसकर स्वयं भी सरभंजा में शासकीय हाई स्कूल में आयोजित पीटीएम में शामिल हुए। बैठक में कलेक्टर ने स्कूल में अध्ययनरत बच्चों के पालकों से सीधे संवाद किया और उनसे विद्यालय की आवश्यकतानुसार विभिन्न बिन्दुओं पर चर्चा की और उनकी मांगों से अवगत हुए। परिजनों ने बैठक में स्कूल की अच्छी पढ़ाई के लिए सभी शिक्षकों को शुभकामनाएं दीं, साथ ही उन्होंने कलेक्टर को बताया कि स्कूल दसवीं तक ही होने के कारण बच्चों को 11वीं और 12वीं के लिए दूसरे जगह भेजना पड़ता है, उन्होंने 11वीं और 12वीं की कक्षाएं भी शुरू करने मांग रखी। परिजनों ने अतिरिक्त शिक्षक और कंप्यूटर की कक्षा भी स्कूल में शुरू करने की मांग रखी। साथ ही पेयजल व्यवस्था की भी मांग रखी। जिसपर सीएसी सरभंजा ने बताया कि नई भर्ती में शिक्षिका की नियुक्ति हुई है। स्वच्छ पेयजल के लिए व्यवस्था कर ली गई है, बोर खनन किया गया है, जिससे स्वच्छ पेयजल आसानी से मिल सकेगा। कलेक्टर भोसकर ने बैठक में पालकों को संबोधित करते हुए कहा कि शिक्षा विकास की धुरी है। बेहतर शिक्षा से एक छात्र अपने परिवार, गांव, प्रदेश और देश की प्रगति में ज्यादा से ज्यादा योगदान देने सक्षम हो पता है। जब व्यक्ति को शिक्षा मिलती है, तो उनमें सोचने समझने की क्षमता विकसित होती है। शिक्षा सर्वांगीण विकास के लिए सबसे महत्वपूर्ण है।
शासन की ये मंशा है कि बच्चों को बेहतर भविष्य के लिए अच्छी शिक्षा मिले और अभिभावक इसके लिए प्रशासन का सहयोग करें। उन्होंने सभी पालकों से अपील करते हुए कहा कि शिक्षा के महत्व के प्रति जागरूक बनें। स्कूल आकर शिक्षा की व्यवस्था देखें जिससे आपको भी जानकारी हो कि बच्चों की शिक्षा का स्तर क्या है, बच्चों को क्या सुविधा मिल रहे है, स्वयं इसका ध्यान दें। उन्होंने कहा कि बच्चों को स्कूल जरूर भेजें। ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा को बेहतर बनाना है, तो ग्रामवासियों को भी जागरूक होना होगा। उन्होंने कहा कि आपका बच्चा जिस स्कूल में पढ़ता है, उसका हाल देखें, बच्चों से पढ़ाई की जानकारी लें। स्कूल आपके लिए है, माह में एक दिन स्कूल जरूर आएं, मध्यान्ह भोजन की व्यवस्था, शिक्षकों की उपस्थिति, सहित अन्य सुविधाओं का जायजा लें। स्कूल की अधोसंरचनात्मक कमियों को प्रशासन द्वारा दूर किया जायेगा। अभिभावक भी प्रशासन का सहयोग करें, स्कूल के बेहतर संचालन में अपनी सक्रिय सहभागिता दें।
इस दौरान उत्कृष्ट परिणाम और शतप्रतिशत उपस्थिति वाले छात्र छात्राओं को सम्मानित किया गया। साथ ही ऐसे पालक, जो नियमित रूप से अपने बच्चों को स्कूल भेजने हैं, उन्हें भी कलेक्टर के हाथों श्रीफल देकर सम्मानित किया गया।
शासन के निर्देशानुसार स्कूलों में आयोजित मेगा बैठक का उद्देश्य राष्ट्रीय शिक्षा नीति, अध्ययन-अध्यापन में आने वाली समस्याएं, शाला त्यागी, अनियमित उपस्थिति, शासन की विद्यार्थी हितकर योजनाएं आदि सभी बिन्दुओं चर्चा कर पालकों को जागरूक करना रहा। समस्याओं पर चर्चा करते हुए उनके समाधान हेतु सुझावों का आदान-प्रदान भी किया गया। मेगा बैठक के सफल आयोजन से पूरे जिले में पढ़ाई के प्रति सकारात्मक वातावरण तैयार कर पालकों को बच्चों की पढ़ने-लिखने की प्रगति से अवगत कराया गया।