नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी (SCP) के चीफ शरद पवार ने शुक्रवार को कहा हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में PM ने '400 पार' की बात की थी। उन्होंने डॉ. बाबा अंबेडकर के संविधान को नष्ट करने के लिए '400 पार' का नारा लगाया था।
उन्होंने पुणे में चुनावी सभा के दौरान कहा कि हमें डर था कि कहीं भाजपा को 400 सीटें मिल जाएं तो वे संविधान बदल देंगे। इसलिए हम कांग्रेस के साथ आए। राहुल गांधी, मल्लिकार्जुन खड़गे, मुलायम सिंह यादव की पार्टी के लोगों को शामिल करके I.N.D.I. गठबंधन बनाया गया और भाजपा को 400 सीटों के करीब पहुंचने से रोक दिया।
इसके अलावा शरद पवार ने वन नेशन वन इलेक्शन को लेकर कहा कि केंद्र से प्रस्ताव की मंजूरी मिली, इसके बावजूद जम्मू-कश्मीर और हरियाणा के चुनाव के साथ महाराष्ट्र के चुनाव नहीं कराए गए। ये अलग-अलग फैसले क्यों ले रहे हैं? ये लोग जनता को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं।
पवार की स्पीच की 3 बातें...
1. भाजपा के 400 पार के नारे पर
लोगों ने सोचा कि विकास और मंहगाई को कम करने के लिए 400 सीटों की आवश्यकता है, लेकिन मोदी को इन सब में कोई दिलचस्पी नहीं थी, क्योंकि उनके सहयोगी संविधान के ढांचे को नष्ट करने में रुचि रखते थे। उनके मंत्री और बेंगलुरु के भाजपा नेताओं ने कहा था कि वे 400 सीटें चाहते हैं, क्योंकि वे संविधान बदलना चाहते हैं।
2. गांधी परिवार और परिवारवाद पर
PM मोदी हरियाणा और जम्मू-कश्मीर में चुनावी रैलियों को संबोधित करते हुए गांधी परिवार पर निशाना साधते हैं। हमें खुशी होती अगर PM देश हित में महंगाई, कानून व्यवस्था और बेरोजगारी पर बात करते, लेकिन उन्होंने जवाहरलाल नेहरू, इंदिरा गांधी, राजीव गांधी और राहुल गांधी के परिवारवाद पर बात की।
नेहरू 14 साल तक जेल में रहे। इंदिरा गांधी और राजीव गांधी ने भी देश के लिए अपनी जान दे दी। इंदिरा ने बांग्लादेश बनाकर पाकिस्तान को सबक सिखाया। राजीव गांधी ने देश को आधुनिक बनाने के लिए कई काम किए। मोदी उनकी सराहना करने के बजाय उनकी आलोचना करते हैं।
3. महाराष्ट्र की राजनीति पर
महाराष्ट्र की मौजूदा सरकार विकास के बजाय नशीली दवाओं के व्यापार को बढ़ावा दे रही है। अजीत पवार गुट के नेता का नाम पुणे पोर्श केस में सामने आया था। एक्सीडेंट में मारे गए 2 लोगों की मदद करने की बजाय वे पुलिस स्टेशन चले गए थे। उन्होंने आरोपियों का समर्थन किया था।
नवंबर 2024 को BJP-शिवसेना (शिंदे गुट) सरकार का कार्यकाल खत्म होगा
महाराष्ट्र में इस वक्त BJP-शिवसेना (शिंदे गुट) की सरकार है। इसका कार्यकाल नवंबर 2024 को खत्म हो रहा है। अक्टूबर 2024 में चुनाव हो सकते हैं। महाराष्ट्र की 288 विधानसभा सीटों पर 2019 में चुनाव हुए थे। बीजेपी 106 विधायकों के साथ राज्य की सबसे बड़ी पार्टी बनी।
मुख्यमंत्री पद को लेकर शिवसेना और बीजेपी गठबंधन में बात नहीं बन पाई। 56 विधायकों वाली शिवसेना ने 44 विधायकों वाली कांग्रेस और 53 विधायकों वाली NCP के साथ मिलकर महाविकास अघाड़ी बनाकर सरकार बनाई। शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री बने।
मई 2022 महाराष्ट्र सरकार में नगर विकास मंत्री और शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे ने 39 विधायकों के साथ बगावत कर दी। वह बीजेपी के साथ मिल गए। 30 जून 2022 को एकनाथ शिंदे ने महाराष्ट्र के 20वें मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली।
इसके साथ ही शिवसेना पार्टी दो गुटों में बंट गई। एक धड़ा शिंदे गुट और दूसरा उद्धव गुट का बना। 17 फरवरी, 2023 को चुनाव आयोग ने आदेश दिया कि पार्टी का नाम 'शिवसेना' और पार्टी का चुनाव चिह्न 'धनुष और तीर' एकनाथ शिंदे गुट के पास रहेगा।
लोकसभा चुनाव में भाजपा को सिर्फ 9 सीटें मिली
2019 में हुए पिछले विधानसभा चुनावों में बीजेपी ने 104 सीटें जीतीं थी। भाजपा के नेतृत्व वाले महायुति गठबंधन में मौजूदा मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की शिवसेना और अजित पवार की वाली एनसीपी शामिल है। लोकसभा चुनाव 2024 में महाराष्ट्र की 48 सीटों में भाजपा सिर्फ 9 सीटें जीत सकी। गठबंधन की सहयोगी NCP ने एक सीट जीती। शिवसेना (शिंदे गुट) को 7 सीटों पर जीत मिली।