भिलाई। कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में एक महिला डॉक्टर के साथ हुए रेप और हत्या की घटना के बाद देशभर में डॉक्टरों और अस्पताल स्टाफ की सुरक्षा को लेकर चिंताएं बढ़ गई हैं। इस घटना के बाद, दुर्ग जिला प्रशासन ने अस्पतालों में सुरक्षा के कड़े इंतजाम करने के लिए तुरंत कदम उठाए हैं।
दुर्ग एसपी जितेंद्र शुक्ला ने डॉक्टरों और अस्पताल स्टाफ की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए बड़ा फैसला लिया है। उनके निर्देशानुसार, अब संबंधित थाने की पेट्रोलिंग टीम रोजाना अपने क्षेत्र के अस्पतालों का दौरा करेगी और वहां के डॉक्टरों और स्टाफ से उनकी सुरक्षा के बारे में पूछताछ करेगी। इसके साथ ही, पुलिस की टीम हर दिन "खैरियत रिपोर्ट" भरवाएगी ताकि किसी भी प्रकार की असुरक्षा महसूस होने पर तत्काल कार्रवाई की जा सके।
यह निर्णय सभी अस्पताल संचालकों और पुलिस अधिकारियों के साथ हुई एक बैठक में लिया गया है। इस पहल का उद्देश्य अस्पतालों में डॉक्टरों और स्टाफ की सुरक्षा को बढ़ाना है, खासकर ऐसे समय में जब देश में डॉक्टरों के खिलाफ अपराध के मामले बढ़ रहे हैं।
इस बीच, कोलकाता की घटना के बाद, इंदौर के एम वाय अस्पताल में भी एक महिला डॉक्टर के साथ बदसलूकी का मामला सामने आया है। बताया गया कि शनिवार देर रात शराब के नशे में धुत एक अटेंडर ने महिला डॉक्टर के कमरे का दरवाजा खटखटाया, जिससे डॉक्टर असहज हो गईं। इस घटना के बाद इंदौर के कलेक्टर ने मामले का संज्ञान लेते हुए आज अस्पताल का दौरा कर सुरक्षा व्यवस्था की जांच करने का निर्णय लिया है।
देशभर में अस्पतालों की सुरक्षा के प्रति बढ़ते इस तरह के कदमों से डॉक्टरों और अस्पताल स्टाफ में कुछ हद तक सुरक्षा की भावना पैदा होगी।