अहमदाबाद । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गांधी की जयंती के मौके पर गुजरात में जल जीवन मिशन के लाभार्थियों से बातचीत कर कहा, पूज्य बापू और लाल बहादुर शास्त्री जी इन दोनों महान व्यक्तित्वों के हृदय में भारत के गांव ही बसे थे। मुझे खुशी है कि आज के दिन देशभर के लाखों गांवों के लोग ‘ग्राम सभाओं’ के रूप में जल जीवन संवाद कर रहे हैं।पीएम मोदी ने कहा जल जीवन मिशन का विजन, सिर्फ लोगों तक पानी पहुंचाने का ही नहीं है।ये विकेन्द्रीकरण का बहुत बड़ा आंदोलन है। ये गांव द्वारा संचालित और महिला संचालित आंदोलन है। इसका मुख्य आधार, जनआंदोलन और जनभागीदारी है।
पीएम मोदी ने कहा, गांधी जी
कहते थे कि ग्राम स्वराज का वास्तविक अर्थ आत्मबल से परिपूर्ण होना है।इसकारण मेरा निरंतर प्रयास रहा है कि ग्राम स्वराज की ये सोच, सिद्धियों
की तरफ आगे बढ़े।पीएम मोदी ने कहा कि बहुत कम ही लोगों के मन में ये सवाल उठता है कि आखिर इन लोगों को हर रोज किसी नदी या तालाब तक क्यों जाना पड़ता है, आखिर क्यों
नहीं पानी इन लोगों तक पहुंचता? मैं समझता
हूं, जिन लोगों
पर लंबे समय तक नीति-निर्धारण की जिम्मेदारी थी, उन्हें ये
सवाल खुद से जरूर पूछना चाहिए था।
हमने बहुत सी ऐसी फिल्में देखी हैं,जिसमें विस्तार से ये बताया जाता है कि कैसे गांव की महिलाएं और बच्चे पानी लाने के लिए मीलों दूर चलकर जा रहे हैं।कुछ लोगों के मन में, गांव का
नाम लेते ही यही तस्वीर उभरती है। मैं गुजरात जैसा राज्य से हूं, जहां अधिकतर सूखे की स्थिति मैंने देखी है।मैंने देखा है कि पानी की एक-एक बूंद का कितना महत्व होता है।इसकारण गुजरात का मुख्यमंत्री रहते हुए, लोगों तक
जल पहुंचाना और जल संरक्षण, मेरी प्राथमिकताओं में रहे। आज देश के लगभग 80 जिलों के
करीब सवा लाख गांवों के हर घर में नल से जल पहुंच रहा है। यानि पिछले 7 दशकों में
जो काम हुआ था, आज के
भारत ने सिर्फ 2 साल में
उससे ज्यादा काम करके दिखाया है।
पीएम मोदी ने कहा, आजादी से
लेकर 2019 तक, हमारे
देश में सिर्फ 3 करोड़ घरों
तक ही नल से जल पहुंचता था। 2019 में जल
जीवन मिशन शुरू होने के बाद से, 5 करोड़ घरों
को पानी के कनेक्शन से जोड़ा गया है। मैं देश के हर उस नागरिक से कहूंगा जो पानी की प्रचुरता में रहते हैं, कि आपको
पानी बचाने के ज्यादा प्रयास करने चाहिए। और निश्चित तौर पर इसके लिए लोगों को अपनी आदतें भी बदलनी ही होंगी।बीते वर्षों में बेटियों के स्वास्थ्य और सुरक्षा पर विशेष ध्यान दिया गया है। घर और स्कूल में टॉयलेट्स, सस्ते सैनिटेरी पैड्स से लेकर, गर्भावस्था
के दौरान पोषण के लिए हजारों रुपए की मदद और टीकाकरण अभियान से मातृशक्ति और मजबूत हुई है।