जगदलपुर कलेक्टर विजय दयाराम के. ने कहा कि बच्चों की बेहतर भविष्य के लिए पालकों का सकारात्मक सुझाव जरूरी है। यह सुझाव बच्चों की गुणवत्तायुक्त शिक्षा देने, बच्चों के बौद्धिक क्षमता बढ़ाने में सहायक होंगे। मुख्यमंत्री के मंशानुसार पालक-शिक्षक मेगा बैठक के आयोजन से शिक्षकों द्वारा पढ़ाई के स्तर, बच्चों की प्रगति का भी आंकलन किया जाना है।
मंगलवार को कलेक्टर पालक-शिक्षक मेगा बैठक का निरीक्षण करने निकले थे उन्होंने दरभा,तोकापाल,बास्तानार, लोहंडीगुड़ा और जगदलपुर विकासखंड के स्कूलों का जायजा लिया, जिसमें डेंगा आमापारा, कोड़ेनार, किलेपाल, मिचनार, छापर भानपुरी और धरमपुरा के प्राथमिक और माध्यमिक शाला, आश्रम-छात्रावास तथा आत्मानंद स्कूल में आयोजित पालक-शिक्षक मेगा बैठक का जायजा लिया। राज्य शासन के निर्देशानुसार जिले के सभी प्राथमिक, पूर्व माध्यमिक, हाईस्कूल एवं हायर सेकेण्डरी स्कूलों में पालकों के साथ बेहतर संवाद स्थापित करने और उन्हें बच्चों की प्रगति से अवगत कराने तथा बच्चों में भविष्य की सम्भावनाओं का आंकलन कर पालकों के साथ समन्वय स्थापित करते हुए संयुक्त रूप से परिणामोन्मुखी प्रयास करने हेतु कलेक्टर विजय के मार्गदर्शन में मंगलवार को जिले के सभी 266 संकुलों में सुबह 11 बजे से दोपहर 02 बजे तक पालक-शिक्षक मेगा बैठक का आयोजन किया गया। निरीक्षण के अवसर पर जिला पंचायत सीईओ प्रकाश सर्वे भी उपस्थित थे।
संकुल स्तर पर आयोजित कार्यक्रम को सफलतापूर्वक सम्पादित करने के लिए जिला स्तरीय सभी अधिकारियों को संकुल की मॉनिटरिंग की जिम्मेदारी दी गई थी। इसके अंतर्गत अपर कलेक्टर, जिला कार्यालय में पदस्थ संयुक्त कलेक्टर, डिप्टी कलेक्टर, सभी राजस्व अनुविभागीय अधिकारियों सहित अन्य विभागों के सभी अधिकारी कुल 266 संकुलों में मेगा पालक-शिक्षक बैठक में शामिल हुए। जिले के सभी अधिकारियों को संबंधित संकुल केन्द्रों का निरीक्षण कर जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में प्रतिवेदन करने के निर्देश दिए गए थे,जिसके अनुरूप शिक्षा के क्षेत्र में यह समन्वित पहल किया गया।
इस पालक-शिक्षक मेगा बैठक में पालकों के साथ नई शिक्षा नीति 2020 के साथ ही नवाचारी प्रयासों पर गहन चर्चा की गई। जिसके तहत बच्चों की पढ़ाई के लिए उचित वातावरण हेतु घर में ही पढ़ाई हेतु एक निश्चित स्थान तय करने, पालकों को अपने बच्चों की दिनचर्या सुनिश्चित करने हेतु प्रेरित करने,बच्चों के सीखने की जानकारी लेने, बच्चों में सार्वजनिक रूप से अपने विचारों को व्यक्त करने और उनके संकोच को दूर करने पहल, बच्चों की अकादिमक प्रगति एवं परीक्षा, पुस्तक की उपलब्धता सुनिश्चित करने, बस्ता रहित शनिवार की गतिविधियों के सम्बंध में अवगत करवाने, विद्यार्थियों के आयु एवं कक्षा अनुरूप परीक्षण व पोषण की जानकारी देने और जाति,आय एवं निवास प्रमाण पत्र आदि बनाने हेतु शिविर के बारे में अभिभावकों को अवगत कराने, न्योता भोज की अवधारणा की जानकारी देने, विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं सहित छात्रवृत्ति एवं विभागीय योजनाओं की जानकारी और विभिन्न डिजिटल प्लेटफार्म दीक्षा एप तथा ई-जादुई पिटारा एप के माध्यम से शिक्षा के लिए पालकों एवं छात्रों को अवगत कराने सम्बन्धी बिंदुओं पर विस्तृत चर्चा की गई।
जिला प्रशासन के पहल का रहा व्यापक असर :
जीवन में बच्चों के प्रारंभिक शिक्षा के समय सभी पालकगण अहम भूमिका अदा करते हैं, इसे स्कूलों में भी निरंतर बच्चों को पढ़ाई की प्रति रूझान बनाए रखने के उद्देश्य से माता-पिता और अभिभावकों को जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है। जिससे बच्चों के साथ-साथ पालकों का शिक्षा के प्रति झुकाव ज्यादा हो सके। कलेक्टर विजय दयाराम के. द्वारा इस दिशा में जिले के सभी 266 संकुलों में 06 अगस्त को बच्चों के माता-पिता व अभिभावकों को मेगा बैठक में शामिल होने की अपील की गई थी। जिसका व्यापक असर मेगा बैठक में देखने को मिला। बैठक में दूरस्थ एवं संवेदनशील ईलाके के संकुल में भी आयोजित मेगा बैठक में बड़ी संख्या में पालकगण शामिल हुए।
उल्लेखनीय है कि कलेक्टर विजय दयाराम के. के निर्देशन एवं जिला पंचायत सीईओ प्रकाश सर्वे के मार्गदर्शन में जिलेवासियों विशेषकर दूरस्थ क्षेत्रों के लोगों को शिक्षा, स्वास्थ्य एवं पोषण के प्रति निरंतर जागरूक करने का सकारात्मक प्रयास किया जा रहा है।