एथेंस: ग्रीस के मिलिट्री चीफ अगले सप्ताह भारत की यात्रा पर होंगे। इस दौरान ग्रीस और भारत के बीच द्विपक्षीय संबंध और भी गहरे होने वाले हैं। जनरल दिमित्रियोस हूपिस रक्षा मुद्दों पर एक समृद्ध एजेंडे के साथ अगले सप्ताह भारत आएंगे। ग्रीक मीडिया आउटलेट काथिमेरिनी के मुताबिक दोनों देश आधुनिक इतिहास में पहली बार सैन्य सहयोग कार्यक्रम पर हस्ताक्षर करेंगे। इस कार्यक्रम में सेना, नौसेना और वायु सेना के साथ-साथ विशेष बलों के कर्मियों के साथ अभ्यास और संयुक्त गतिविधियां शामिल हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक दोनों देशों के कर्मचारी पहले से ही संयुक्त प्रशिक्षण का एक गहन कार्यक्रम तैयार कर रहे हैं। इसके तहत ग्रीस के सैन्य बल भारत में राष्ट्रीय स्तर की गतिविधियों में हिस्सा लेंगे और इसी तरह भारत के सैनिक ग्रीस में हिस्सा लेंगे। 'ग्रीस इनिओचोस' और भारत 'तरंग शक्ति' अभ्यास का आयोजन करता है। दोनों देश एक दूसरे की मिलिट्री एक्सरसाइज में शामिल होने का भी प्लान बना रहे हैं। इसके अलावा सैन्य कर्मियों का आदान- प्रदान और सूचना, हाई टेक्नोलॉजी और इनोवेशन के मामलों में सहयोग की उम्मीद की जाएगी।
इन मुद्दों पर होगी चर्चा
ग्रीस के मिलिट्री चीफ अपने भारतीय समकक्ष अनिल चौहान और अन्य अधिकारियों के साथ द्विपक्षीय और क्षेत्रीय सुरक्षा के मुद्दों पर चर्चा करेंगे। सूत्रों के मुताबिक हथियारों के मुद्दों पर भी चर्चा होगी। चर्चा के केंद्र में लाल सागर के ऑपरेशन में ग्रीस की भागीदारी, भारतीय नौसेना के साथ सहयोग, और यूक्रेन का मुद्दा होगा। इस बातचीत में भारत, मध्य पूर्व, यूरोप कॉरिडोर (IMEC) को लेकर भी बातचीत संभव है। ग्रीस और भारत के संबंध लगातार गहरे होते जा रहे हैं।
भारत के हवाई अभ्यास में शामिल होगा ग्रीस
इसी साल की शुरुआत में ग्रीस के पीएम क्यारीकोस मित्सोटाकिस भारत की राजयकीय यात्रा पर आए थे। इससे पहले पीएम मोदी भी ग्रीस का दौरा कर चुके हैं। दोनों देश एक दूसरे को महत्वपूर्ण मुद्दों पर समर्थन देता रहा है। ग्रीस के साथ अच्छे संबंध तुर्की को भी जवाब है। क्योंकि तुर्की और ग्रीस के बीच साइप्रस को लेकर विवाद है। वहीं तुर्की भारत के खिलाफ जाकर कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान का साथ देता रहा है। रिपोर्ट में तरंग शक्ति अभ्यास में वायु सेना की भागीदारी की पुष्टि हो गई है। सितंबर में चार विमान और सहायक कर्मियों को एशिया के सबसे बड़े हवाई अभ्यासों में से एक में भाग लेने के लिए भेजा जाएगा। हालांकि ग्रीस कौन से विमान भेजेगा यह तय नहीं हुआ है। लेकिन राफेल भेजने की बात चल रही है, क्योंकि भारत भी इनका इस्तेमाल करता है। इस कारण समर्थन में आसानी होगी।