नई दिल्ली। प्रियंका चोपड़ा जोंस और निक जोंस एक बार फिर चर्चा में है। जिसके पीछे का कारण इंस्टाग्राम पर प्रियंका का अपने नाम से जोंस हटा लेना है।
लेकिन इसके कुछ दिन पहले ही निक जोंस ने इंस्टाग्राम पर ही अपनी गंभीर बीमारी के बारे में राज खोला था। जिसका इलाज डॉक्टर के पास भी नहीं है। उन्होंने बताया था कि 16 साल पहले उन्हें अपनी टाइप-1 डायबिटीज के बारे में पता चला था। जिस से लड़ने में उनके सपोर्ट सिस्टम ने उनकी मदद की। इस पोस्ट पर उनकी पत्नी पीसी ने प्यार और तारीफ वाली इमोजी से रिएक्ट किया था।
जब पैंक्रियाज में मौजूद सेल्स को इम्यून सिस्टम गलती से नष्ट करने लगता है, तो शरीर में इंसुलिन हॉर्मोन का स्तर कम होने लगता है। क्योंकि, यही सेल्स इंसुलिन हॉर्मोन का निर्माण करती हैं। इस स्थिति में पैंक्रियाज कम या ना के बराबर इंसुलिन उत्पादित करने लगता है। चूंकि, यह डायबिटीज आमतौर पर किशोरों में होती है, इसलिए इसे जुवेनाइल डायबिटीज भी कहा जाता है।
मायोक्लीनिक के मुताबिक, टाइप-1 डायबिटीज में बार-बार प्यास लगना, बार-बार पेशाब आना, बच्चों जैसे बिस्तर गीला करना, अत्यधिक भूख लगना, अचानक वजन घटना, थकान और कमजोरी, चिड़चिड़ापन, नजर धुंधली होना, आदि के लक्षण और संकेत हो सकते हैं।
मायोक्लीनिक कहता है कि, कई रिसर्च के बावजूद टाइप-1 डायबिटीज का कोई इलाज डॉक्टर के पास नहीं है। जिसके कारण इंसुलिन इंजेक्शन, डाइट और लाइफस्टाइल की मदद से ब्लड शुगर को कंट्रोल में रखने की कोशिश की जाती है। वरना, इसके कारण दिल की बीमारी, किडनी डैमेज, नर्व डैमेज, आई डैमेज आदि समस्याएं हो सकती हैं।