पहले हरियाणा और फिर दिल्ली विधानसभा चुनाव में मिली असफलता के बाद पंजाब कांग्रेस ने दो साल बाद यानी 2027 में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए रणनीति बनानी शुरू कर दी है। मिशन-27 के लिए आज पार्टी के नए प्रभारी और छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अगुवाई में पंजाब कांग्रेस के नेताओं की दिल्ली में बैठक शुरू होने वाली है। मीटिंग के लिए पंजाब के बडे़ नेता पहुंचना शुरू हो गए हैं। जिनमें चरणजीत सिंह चन्नी, सुखविंदर सिंह रंधावा, अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग, प्रताप सिंह बाजवा समेत कई नेता शामिल है। इस बैठक में राज्य के हालात पर फीडबैक लिया जाएगा और पार्टी के अंदर चल रही गुटबाजी पर ब्रेक लगाने की रणनीति तैयार की जाएगी। कुछ दिन पहले खुद प्रभारी को गुटबाजी के मुद्दे पर सफाई देनी पड़ी थी। इसके अलावा पार्टी प्रधान बदलने जैसे मुद्दों पर भी चर्चा होगी।
लोकसभा चुनाव के नतीजों ने जगाई उम्मीदें
कांग्रेस के लिए पंजाब राज्य काफी अहम है। क्योंकि यहां पार्टी का मजबूत आधार है। भले ही 2022 में पार्टी राज्य की सत्ता से बाहर हो गई। लेकिन 2024 में हुए लोकसभा चुनाव के नतीजों ने पार्टी में नया जोश भर दिया है। कांग्रेस ने राज्य की 13 में से 7 सीटों पर जीत दर्ज की। जबकि राज्य की सत्ता पर काबिज आम आदमी पार्टी को तीन सीटें मिलीं।
वहीं, अकाली दल को एक सीट, निर्दलीयों को दो सीटें मिलीं। भाजपा अपना खाता भी नहीं खोल पाई। हालांकि, वोट प्रतिशत के मामले में भाजपा तीसरे स्थान पर जरूर पहुंच गई। जबकि पड़ोसी राज्य हरियाणा में कांग्रेस को पांच और भाजपा को पांच सीटें मिलीं।
अब तो गुटबाजी पर वर्कर पूछ रहे सवाल
पंजाब कांग्रेस में गुटबाजी कोई नया मुद्दा नहीं है। लेकिन यह सवाल जब कार्यकर्ता ही पार्टी नेताओं से करने लगे तो यह चीज और भी अहम हो जाती है। दरअसल ‘जुड़ेगा ब्लॉक, जीतेगी कांग्रेस’ मुहिम कांग्रेस ने इन दिनों शुरू की गई है। डेराबस्सी में एक कार्यकर्ता ने सीनियर नेताओं की मौजूदगी में गुटबाजी को लेकर उठा दिया।
इस पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग ने कहा कि गुट हमेशा बनते आए हैं और आगे भी बनते रहेंगे। लेकिन इसी गुटबाजी और आपसी लड़ाई ने पिछले चुनाव में कांग्रेस की सीटें 58 से घटाकर 18 कर दी थीं। उन्होंने कहा कि पंजाब कांग्रेस ही एकमात्र राज्य इकाई है जहां प्रदेश अध्यक्ष और सीएलपी नेता के बीच कोई मतभेद नहीं है।
दिल्ली चुनाव हारते ही बदले प्रभारी
पंजाब कांग्रेस ने जनवरी 2024 में दिल्ली के नेता देवेंद्र यादव को पंजाब का प्रभारी लगाया गया था। भले ही पार्टी लोकसभा चुनाव में अच्छा प्रदर्शन कर पाई है। लेकिन पार्टी के सीनियर नेताओं को इकट्ठे करने में वह भी विफल रहे । उनके कार्यकाल में नवजोत सिंह सिद्धू समेत कई बड़े नेता पार्टी आफिस या मंच पर साथ नहीं दिखे।
जबकि दिल्ली चुनाव में देवेंद्र यादव खुद ही चुनाव हार गए थे। इसके तुरंत बाद पंजाब के प्रभारी बदले गए। वहीं, इस बार पार्टी के सीनियर नेता भूपेश बघेल को कमान सौंपी गई है। उन्होंने 24 फरवरी को अमृतसर में गोल्डन टैंपल समेत सभी धार्मिक स्थानों पर माथा टेककर अपना कार्यभार संभाला था। इसके बाद उन्होंने 25 फरवरी को चंडीगढ़ में पार्टी नेताओं से मीटिंग की। इसके बाद आज मीटिंग होने जा रही है।