बिलासपुर । इस शीर्षक को पढऩे के बाद आपको ऐसा लग सकता है कि हमारा या तो दिमाग फिर गया है या हम दिमागी दिवालियापन के शिकार हो गए हैं जो यह लिख रहे हैं कि अंत्येष्टि करने जाइए और राशन लेकर आइए..! बिलासपुर शहर और छत्तीसगढ़ तो क्या यह शायद हमारे पूरे देश का ऐसा पहला मामला है। जिसमें मुक्तिधाम के भीतर ही राशन की दुकान खोल दी गई है।
निगम के वार्ड क्रमांक 19 सिंधी कॉलोनी के मुक्तिधाम में दिमागी दिवालियापन का ऐसा उदाहरण आप कभी भी जाकर देख सकते हैं। यहां के पार्षद और निगम के जमीनी अधिकारियों की मूर्खता के कारण राशन की दुकान और अंत्येष्टि एक ही स्थान पर हो रही है। यह वार्ड के लोगों की सुविधा नहीं वरन उनके छाती पर मूंग दलने जैसी हरकत है।
बीते 5 माह से मरघट या कहे मुक्तिधाम स्थित राशन दुकान से राशन लाने के लिए जाने वाले लोगों को किस मानसिक पीड़ा से गुजरना पड़ता है इसका अनुमान लगाया जा सकता है। हिंदू धर्म में परंपरा है कि मुक्तिधाम के परिसर में पैर रखने पर भी लोगों को नहाना धोकर शुद्ध होना पड़ता है। घर आकर अपने कपड़े भी बदलने होते। इस वार्ड के मुक्तिधाम में खुले राशन दुकान से राशन लेने के लिए जाने वालों को वापस आकर शायद ऐसे ही शुद्ध होना पड़ता है।जीवन और मौत की बस यही मजबूरी है जो गरीब जनता को श्मशान घाट में राशन लेने जाना पड़ता है।