खेसारी लाल यादव स्टारर भोजपुरी फिल्म 'रंग दे बसंती' लगातार सुर्खियों में हैं। इस पर पहले CBFC ने धुआंधार कैंची चलाई और अब फिल्ममेकर रौशन सिंह ने बॉम्बे हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। बॉम्बे हाई कोर्ट ने CBFC को 10 दिनों के अंदर मामले को निपटा देने का निर्देश दिया है। पहले फिल्म को 'U' (यूनिवर्सल) सर्टिफिकेट दिया गया और बाद में CBFC के अध्यक्ष प्रसून जोशी के रवैये के कारण फिल्म की रिलीज डेट पोस्टपोन कर दी गई। ट्रेड पंडितों के अनुसार, रिलीज डेट टलने से इस फिल्म को करीब 10 करोड़ का नुकसान हुआ है।
फिल्म के निर्माता रौशन सिंह ने प्रसून जोशी पर उन्होंने जानबूझकर सेंसर प्रक्रिया में देरी करने का आरोप लगाया है। कहा कि 'हमारी फिल्म का नाम भी 2006 की आमिर खान अभिनीत हिंदी फिल्म से मिलता-जुलता है, प्रसून ऐसा इसलिए कर रहे हैं क्योंकि वह हिंदी फिल्म से बतौर गीतकार जुड़े हुए हैं।' फिल्ममेकर के आरोपों ने कई लोगों का ध्यान खींचा है। जिसके बाद CBFC ने निर्माताओं को कट्स की एक लिस्ट भी सौंपी है। हालांकि इसमें यह जिक्र नहीं किया गया कि फिल्म का नाम बदला जाना चाहिए, लेकिन CBFC की जांच समिति द्वारा मांगे गए संशोधनों को निर्माताओं ने अनुचित माना।
22 मार्च को रिलीज होनी थी 'रंग दे बसंती'
फिल्म की रिलीज को महज कुछ ही दिन बाकी रह गए थे कि निर्माता रौशन सिंह ने बॉम्बे हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। न्यायमूर्ति एस कुलकर्णी और न्यायमूर्ति फिरदोश पी पूनीवाला की खंड पीठ ने CBFC के रिवीजन कमिटी को फिल्म देखने और 10 दिनों के भीतर मामले को निपटाने का आदेश दिया है। लेकिन 22 मार्च महज 4 दिन दूर है। ऐसे में फिल्म को रिलीज करना संभव नहीं था, इसलिए फिल्म को फिलहाल रिलीज नहीं किया जा रहा है।
500 स्क्रीन्स पर रिलीज होने वाली थी मूवी
इस बारे में फिल्मी पंडितों का कहना है कि लगभग 500 स्क्रीन्स पर इस फिल्म को रिलीज किया जाना था, जो किसी भोजपुरी फिल्म को अब तक की सबसे बड़ी रिलीज मिलने वाली थी। आपको बता दें कि 'रंग दे बसंती' में खेसारी लाल यादव, रति पांडे, डायना खान हैं और इसका निर्देशन प्रेमांशु सिंह ने किया है।